मांग पत्र लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करने गए अतिथि शिक्षकों को पुलिस ने जबरन खदेड़ा____________________
सम्वाददाता:-प्रदीप कुमार सोनी
अनूपपुर'कोतमा:- आज जिला मुख्यालय में आयोजित अंत्योदय खाद्यान्न पर्ची वितरण और 320 करोड़ के भूमि पूजन के कार्यक्रम में पधारे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचे लगभग 250-300 अतिथि शिक्षकों को पहले तो सोन नदी पुल के ऊपर पौधा विक्रय केंद्र में बंधक बनाय गया, फिर संख्या अधिक होने पर खदेड़ते हुए गिरफ्तारी करते हुए जिला मुख्यालय से 35-40 किलोमीटर दूर कोतमा थाना मे बंधक बनाए रखा गया,
एसडीएम से मिला 4 लोगों को मुख्यमंत्री से मिलने का समय :- एसडीएम अनूपपुर द्वारा 4 लोगों को पूर्व में समय दिया गया था लेकिन अतिथि शिक्षकों की संख्या को देखते हुए शासन प्रशासन ने निरस्त किया मिलने का समय और प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए जबरन अतिथि को बल पूर्वक किया तितर-बितर ताकि मुख्यमंत्री के काफिले को कोई नुकसान या किसी भी प्रकार की नारेबाजी ना कि जा सके.
अतिथि शिक्षकों ने प्रशासन को शांति पूर्ण ढंग से अपनी बात रखने को कहा, प्रशासन ने नकारा :- अतिथि शिक्षकों ने बार बार गुहार लगाई की हमारे द्वारा किसी भी प्रकार से कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा ना ही प्रोटोकॉल को तोड़ा जाएगा शांति पूर्ण तरीके से अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखा जाएगा, प्रशासन ने कोरोना और सोशल डिस्टेंस प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए बल पूर्वक अतिथि शिक्षकों को खदेड़ा,
महिला अतिथि शिक्षिकाओ इस प्रकार पुलिस का बल प्रयोग कर अतिथि शिक्षकों को खदेड़ना, लोकतंत्र की हत्या बताया :- आज अपने मामा से मिलने बड़ी संख्या में महिला अतिथि शिक्षकaंओ ने भी हिस्सा लिया परंतु उनके साथ हुए दुर्भाग्य पूर्ण व्यावहार को लोकतंत्र की हत्या बताते हुए, अभिव्यक्ति की आजादी का दमन बताया गया.. और महिला अतिथि शिक्षकों को जबरन पुलिस वैन में भार कर 35-40 किलोमिटर दूर कोतमा में बंधक बनाए रखना और 5.30 शाम को मुक्त करना दुर्भाग्य पूर्ण बताया, महिला अतिथि शिक्षक ने यह भी कहा की बहुत से शिक्षिकाएं दूर दराज की है उन्हें आने-जाने मे दिक्कत होगी बार बार गुहार लगाने पर भी प्रशासन यही कहता रहा हैं की ऊपर से आदेश है जब तक आदेश नहीं आता आप सब यही बंधक रहेंगे,
जान पर खेल कर मुख्यमंत्री को माँग पत्र सौपा :- अतिथि शिक्षकों ने बताया की पुलिस के बल प्रयोग करने पर भी हम संघर्ष करते रहे और मुख्यमंत्री मंत्री के काफिले का इंजतार कर, जान जोखिम में डाल कर अपनी बात वा माँग पत्र मुख्यमंत्री के समक्ष रखा.. जिस पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया की शीघ्र ही आपकी माँगों को पूरा किया जाएगा..
अतिथि शिक्षकों ने कहा आश्वासन नहीं आदेश चाहिए:- मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिए जाने पर अतिथि शिक्षकों ने कहा शीघ्र ही इस आदेश में परिणित नहीं किया गया तो भुगतना पड़ेगा उपचुनाव में परिणाम.. हमे आश्वासन नहीं अब उपचुनाव से पहले नियमितीकरण का आदेश चाहिए
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