आशीष रावत मध्यप्रदेश - बैतूल भोपाल फोरलेन के किनारे बसे उड़दन गाँव का है। यहां एक किसान ने फोरलेन के बीच बने डिवाइडर में लगभग 500 मीटर तक सोयाबीन की बोवनी कर दी.... सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण की खबरें तो बहुत सुनने देखने में आती हैं। उस पर मकान-दुकान बनाने या खेती करने की बात भी अब आम है। लेकिन बैतूल में एक किसान (farmer) ने तो हद ही कर दी. उसने नेशनल हाईवे के डिवाइडर पर ही खेती कर डाली. पूरे डिवाइडर पर दूर तक फसल लहलहाती रही। लोग समझते रहे कि ये बारिश में कोई जंगली पौधे हैं। लेकिन सब पौध बढ़ी तो पता चला कि ये तो सोयाबीन की फसल हो रही है।
भोपाल-बैतूल फोरलेन पर फर्राटा भरती गाड़ियां दिन भर यहां से वहां होती रहती हैं. बारिश का मौसम है. इस फोरलेन के डिवाइडर पर कुछ दिन से हरे-भरे पौधे लहलहा रहे थे। किसी का ध्यान इस पर नहीं था। आमतौर पर लोग ये समझकर आगे बढ़ जाते थे कि बारिश में जंगली पौध हैं। लेकिन जब ये थोड़े बड़े हुए तब पौधों की पहचान हुई तो ये सोयाबीन के निकले।
बैतूल भोपाल फोरलेन के किनारे बसे उड़दन गाँव का है. यहां एक किसान ने फोरलेन के बीच बने डिवाइडर में लगभग 500 मीटर तक सोयाबीन की बोवनी कर दी.लेकिन ये सब अचानक नहीं हुआ बल्कि एक महीने पहले डिवाइडर के बीच की जगह में बकायदा सोयाबीन बोई गई थी। शुरुआत में तो राहगीरों को ये कोई आम पौधे नज़र आए लेकिन जब सोयाबीन के पौधे तीन फीट लंबे हुए तब ये खुलासा हुआ कि डिवाइडर के बीच कोई फूलदार या जंगली पौधे नहीं बल्कि सोयाबीन लहलहा रही है। न तो एनएच प्रशासन ने इस पर ध्यान दिया था, न ही जिला प्रशासन ने। [post_ads]
कुछ लोगों ने जब जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी तो राजस्व अमला जांच करने मौके पर पहुंचा. उसने पुष्टि की कि डिवाइडर में सोयाबीन की हरी भरी फसल है। तहसीलदार ने तत्काल इसमे जांच के आदेश दिए और किसान को तत्काल फसल नष्ट करने की हिदायत भी दी। वहीं किसान का कहना है कि उसने ज़मीन पर कब्ज़ा या किसी और इरादे से ऐसा नहीं किया। बल्कि सोयाबीन की बोवनी के बाद उसके पास थोड़ा बीज बच गया था। इसलिए उसने डिवाइडर की इस खाली जगह पर बीज डाल दिए थे।
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