उज्जैन -------- महाकाल की सवारी सावन के पहले सोमवार की पूरे इंतजाम के बीच लवाजने के संग निकले महाकाल सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के चलते हुए कोई भगत करीब से दर्शन नहीं कर पाया दूर से ही भगवान के दर्शन क aaरके श्रद्धालुओं अभिभूत हुए उज्जैन महाकालेश्वर की नगरी में इससे बड़ा कोई भी त्योहार नहीं होता है
भक्तों के लिए दूर-दूर से विदेश से भी लोग दर्शन करने आते हैं भगवान महाकालेश्वर के दर्शन करने के लिए उज्जैन के गली कूचे में इतनी तादात में भक्त होते हैं की पैर रखने की जगह नहीं होती है जगह-जगह भक्तों का स्वागत नाश्ता पानी का इंतजाम वहां पर शहर के और बाहर के आए हुए भक्त भी अपनी सेवा देने में पीछे नहीं रहते हैं पुलिस का अच्छा खासा बंदोबस्त के बीच भक्त लोग अपनी भावना को दबा नहीं पाए जहां भी मौका मिला वहां से अंदर घुस के अपने प्रभु के दर्शन किए दर्शन नहीं होने से नाराज भक्तों ने कोर्ट का सहारा लिया
जिसे कोर्ट ने स्वीकार करते हुए अपना फैसला आधे घंटे के अंदर लिया और सुरक्षित रखा एक जनहित याचिका में इंदौर खंडपीठ में दायर की गई है जिसमें कहां गया है महाकाल की सवारी उसी रोड से निकाली जाए जहां से अभी तक परंपरा अनुसार निकाली जाती है
जज सतीश चंद शर्मा शैलेंद्र शुक्ला अपने चेंबर में केस की सुनवाई को सुना जबकि पक्षकार वीडियो कांनफेस से अपने पक्ष रखें बताया जाता है तीसरी सवारी उसी मार्ग निकलेगी जहां से हमेशा निकलती है आखिर में कब तक रहेगी मंदिर पर पाबंदी यह कैसा इंसाफ है हर त्योहार पर हम अपने देवताओं के दर्शन नहीं कर पाए हनुमान जयंती रामनवमी नवरात्रि अबे सावन मास में भी हमें क्यों वंचित किया जा रहा है हमारे प्रभु के दर्शन से इस परिवर्तन को देखते हुए सभी भक्त, श्रद्धालुओं के मन दुखित होकर काफी रोष व्याप्त है
रिपोर्टर योगेंद्र सिंह ग्वालियर से
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