फतेहपुर जनपद के ऐराया ब्लॉक अंतर्गत हसनपुर कसार का बड़ा मामला सामने आया है।
जहाँ एक ओर केंद्र सरकार व राज्य सरकार लगातार गरीबों का पेट भरने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे लॉक डाउन में लोगो का रोजगार पूरी तरह से बंद है। ऐसे में गरीब मजदूर जो रोज कमाना और रोज खाना था ऐसे लोगो का मनरेगा में काम करवाने के बावजूद पंचायत मित्र व सचिव व ग्राम प्रधान ने हाजरी न चढ़ा कर और उनकी मजदूरी न देकर भूखे रहने पर मजबूर कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान, सचिव व पंचायत मित्र ने मिलीभगत कर तालाब व अन्य कार्य जो कि मनरेगा के मजदूरों से करवाई जानी चाहिए लेकिन ये लोग ऐसा न करके ठेकेदारों से jcb से पूरा काम करवाया है और हम लोगो से महीनों काम करवा कर आधा पैसा ही दिया और आधा पैसा पंचायत मित्र जिसका नाम नरेश है उसने गबन किया है और शौचालय में भी इन्होंने 2000 रुपये पर शौचालय में लेकर शौचालय बनवाया था
वही इस बाबत हमारी टीम ने ग्राम प्रधान के पास जाकर बात की तो ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि पंचायत मित्र ने किसी की हाजरी नही लगाई तो मैं क्या करूँ ।
उन्होंने बताया कि जहा काम लगाया जाता है वहाँ पर सचिव पंचायत मित्र व ठेकेदार रहकर काम करवाते थे
आखिर जबान से सच्चाई सामने आ ही गयी
जब मनरेगा के तहत काम करने वाले मजबूर थे तो इन लोगो ने ठेकेदार से काम क्यो करवाया है
ऐसे में मजदूर कहा जाएगे काम करने।
इसके प्रधान प्रतिनिधि ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि सचिव व पंचायत मित्र हमसे जबरन सादे चेकों पर हस्ताक्षर करवा लिया है और मुझे बताया भी नही जाता कि पैसा किसको दिया गया या फिर किस काम के लिए निकाला जाता है
और प्रधान प्रतिनिधि ने यह भी बताया कि ये दोनों मिलकर शौचालय , व अन्य कार्य भी करवा रहे मुझे कोई सूचना नही दी जाती है हम केवल नाम के प्रधान है
ऐसे में सरकार द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों में पानी फेरने का काम कर रहे ।
इन गरीबो की कौन सुनेगा जिनके पास रहने को घर नही खाने के लिए पैसा नही ।
ऐसे तमाम लोग इस गांव में भूखे मर रहे हैं लेकिन पंचायत मित्र व अन्य को क्या उनको तो रिश्वतखोरी करनी है और कुछ नही।
जहाँ एक ओर केंद्र सरकार व राज्य सरकार लगातार गरीबों का पेट भरने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे लॉक डाउन में लोगो का रोजगार पूरी तरह से बंद है। ऐसे में गरीब मजदूर जो रोज कमाना और रोज खाना था ऐसे लोगो का मनरेगा में काम करवाने के बावजूद पंचायत मित्र व सचिव व ग्राम प्रधान ने हाजरी न चढ़ा कर और उनकी मजदूरी न देकर भूखे रहने पर मजबूर कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधान, सचिव व पंचायत मित्र ने मिलीभगत कर तालाब व अन्य कार्य जो कि मनरेगा के मजदूरों से करवाई जानी चाहिए लेकिन ये लोग ऐसा न करके ठेकेदारों से jcb से पूरा काम करवाया है और हम लोगो से महीनों काम करवा कर आधा पैसा ही दिया और आधा पैसा पंचायत मित्र जिसका नाम नरेश है उसने गबन किया है और शौचालय में भी इन्होंने 2000 रुपये पर शौचालय में लेकर शौचालय बनवाया था
वही इस बाबत हमारी टीम ने ग्राम प्रधान के पास जाकर बात की तो ग्राम प्रधान प्रतिनिधि ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि पंचायत मित्र ने किसी की हाजरी नही लगाई तो मैं क्या करूँ ।
उन्होंने बताया कि जहा काम लगाया जाता है वहाँ पर सचिव पंचायत मित्र व ठेकेदार रहकर काम करवाते थे
आखिर जबान से सच्चाई सामने आ ही गयी
जब मनरेगा के तहत काम करने वाले मजबूर थे तो इन लोगो ने ठेकेदार से काम क्यो करवाया है
ऐसे में मजदूर कहा जाएगे काम करने।
इसके प्रधान प्रतिनिधि ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि सचिव व पंचायत मित्र हमसे जबरन सादे चेकों पर हस्ताक्षर करवा लिया है और मुझे बताया भी नही जाता कि पैसा किसको दिया गया या फिर किस काम के लिए निकाला जाता है
और प्रधान प्रतिनिधि ने यह भी बताया कि ये दोनों मिलकर शौचालय , व अन्य कार्य भी करवा रहे मुझे कोई सूचना नही दी जाती है हम केवल नाम के प्रधान है
ऐसे में सरकार द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों में पानी फेरने का काम कर रहे ।
इन गरीबो की कौन सुनेगा जिनके पास रहने को घर नही खाने के लिए पैसा नही ।
ऐसे तमाम लोग इस गांव में भूखे मर रहे हैं लेकिन पंचायत मित्र व अन्य को क्या उनको तो रिश्वतखोरी करनी है और कुछ नही।
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