आज से शुरू हो जाएगा सरकारी दफ्तरों में कामकाज, मनरेगा, कृषि, आईटी, कंस्ट्रक्शन समेत कई सेवाओं को भी मिलेगी सशर्त छूट :
राज्य के सरकारी दफ्तरों समेत स्वायत्त संस्थाओं और बोर्ड-निगम के कार्यालय 20 अप्रैल से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की शर्त के साथ खुल जाएंगे। ऑफिस में कर्मियों की संख्या सीमित होगी। सभी कार्यालय प्रधान ड्यूटी रोस्टर बनाते उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। ग्रुप ए और बी के कर्मचारी जरूरत के अनुसार बुलाए जाएंगे। जबकि ग्रुप सी और उससे नीचे के कर्मी अधिकतम 33% तक बुलाए जा सकेंगे। हर कार्यालय में थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी।
यहाँ भी रहेगी छूट (नोट - ये सेवाएं रांची और बोकारो में लागू नहीं रहेंगी। रेड जोन होने के कारण यहाँ इन सेवाओं की छूट नहीं है। इसके अलावा झारखण्ड के कम कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में ये सेवाएं लागू होंगी। ( इन जिलों के हॉटस्पॉट में नही ) अगर इन क्षेत्रों में कोरोना का केस बढ़ता है तो सेवाएं तत्काल वापस ले ली जाएंगी ) :
- फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें.
- किराना और राशन की दुकानें.
- डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें.
- इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सर्विसेस.
- ई-कॉमर्स कंपनियां काम शुरू कर सकेंगी. डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए जरूरी मंजूरी लेनी होगी.
- केवल सरकारी गतिविधियों के लिए काम करने वाले डेटा और कॉल सेंटर.
- आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं वाले दफ्तर. इनमें 50% से ज्यादा स्टाफ नहीं होगा.
- ऑफिस और आवासीय परिसरों की प्राइवेट सिक्योरिटी और मैंटेनेंस सर्विसेस.
- ट्रक रिपेयर के लिए हाईवे पर दुकानें और ढाबे खुलेंगे. राज्य सरकारें की जिम्मेदारी होगी कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो.
- गांवों में ईंट भट्टों और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम शुरू किया जाएगा.
- ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की मंजूरी वाले कॉमन सर्विस सेंटर खुल सकेंगे.
- कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विस शुरू होगी.
- फिशिंग ऑपरेशन (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगे. इसमें- मछलियों का भोजन, मेंटेनेंस, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री हो सकेगी.
- मछली और मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, मछलियों का खाना और इस काम में लगे लोग आवाजाही कर सकेंगे.
- चाय, कॉफी, रबर और काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री के लिए फिलहाल 50% मजदूर ही रहेंगे.
- दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, डिस्ट्रिब्यूशन और ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा.
- पोल्ट्री फॉर्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियां चालू रहेंगी.
- पशुओं का खाना मसलन मक्का और सोया की मैन्युफेक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन हो सकेगा. पशु शेल्टर और गौशालाएं खुलेंगी.
- ड्रग, फार्मा और मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियों खुलेंगी.
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और स्पेशल इकोनॉमिक जोन, इंडस्ट्रियल टाउनशिप में स्थित कंपनियों को अपने यहां काम करने वाले स्टाफ के रुकने की व्यवस्था कंपनी परिसर में करनी होगी. अगर स्टाफ बाहर से आ रहा है तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उनके आने-जाने के इंतजाम करने होंगे
- आईटी हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों में कामकाज होगा. कोल, माइन और मिनरल प्रोडक्शन, उनके ट्रांसपोर्ट और माइनिंग के लिए जरूरी विस्फोटक की आपूर्ति जारी रहेगी.
- ऑयल और जूट इंडस्ट्री, पैकेजिंग मटेरियल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी छूट मिलेगी.
- शहरी क्षेत्र के बाहर सड़क, सिंचाई, बिल्डिंग, अक्षय ऊर्जा और सभी तरह के इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन शुरू हो सकेगा. अगर शहरी क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट शुरू करना है तो इसके लिए मजदूर साइट पर ही उपलब्ध होने चाहिए. कोई मजदूर बाहर से नहीं लाया जाएगा.
- मनरेगा के कामों को सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करते हुए किया जाएगा.
- ग्रामीण इलाकों में आने वाली को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी और ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को भी न्यूनतम स्टाफ़ के साथ ऑपरेट करने की अनुमति दी गई है.
- ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की सप्लाई, बिजली और कॉम्युनिकेशंस से जुड़ी परियोजनाओं और गतिविधियों को भी लॉकडाउन से छूट दी गई है. सरकार ने बांस, नारियल, सुपारी, कोको और मसालों की खेती, कटाई, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, बिक्री के साथ-सााथ लेन-देन को भी लॉकडाउन से छूट दी है.
राज्य के सरकारी दफ्तरों समेत स्वायत्त संस्थाओं और बोर्ड-निगम के कार्यालय 20 अप्रैल से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की शर्त के साथ खुल जाएंगे। ऑफिस में कर्मियों की संख्या सीमित होगी। सभी कार्यालय प्रधान ड्यूटी रोस्टर बनाते उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे। ग्रुप ए और बी के कर्मचारी जरूरत के अनुसार बुलाए जाएंगे। जबकि ग्रुप सी और उससे नीचे के कर्मी अधिकतम 33% तक बुलाए जा सकेंगे। हर कार्यालय में थर्मल स्कैनिंग और सैनिटाइजर की व्यवस्था रहेगी।
यहाँ भी रहेगी छूट (नोट - ये सेवाएं रांची और बोकारो में लागू नहीं रहेंगी। रेड जोन होने के कारण यहाँ इन सेवाओं की छूट नहीं है। इसके अलावा झारखण्ड के कम कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में ये सेवाएं लागू होंगी। ( इन जिलों के हॉटस्पॉट में नही ) अगर इन क्षेत्रों में कोरोना का केस बढ़ता है तो सेवाएं तत्काल वापस ले ली जाएंगी ) :
- फल-सब्जी के ठेले, साफ-सफाई का सामान बेचने वाली दुकानें.
- किराना और राशन की दुकानें.
- डेयरी और मिल्क बूथ, पोल्ट्री, मीट, मछली और चारा बेचने वाली दुकानें.
- इलेक्ट्रीशियन, आईटी रिपेयर्स, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सर्विसेस.
- ई-कॉमर्स कंपनियां काम शुरू कर सकेंगी. डिलीवरी के लिए इस्तेमाल होने वाले वाहनों के लिए जरूरी मंजूरी लेनी होगी.
- केवल सरकारी गतिविधियों के लिए काम करने वाले डेटा और कॉल सेंटर.
- आईटी और इससे जुड़ी सेवाओं वाले दफ्तर. इनमें 50% से ज्यादा स्टाफ नहीं होगा.
- ऑफिस और आवासीय परिसरों की प्राइवेट सिक्योरिटी और मैंटेनेंस सर्विसेस.
- ट्रक रिपेयर के लिए हाईवे पर दुकानें और ढाबे खुलेंगे. राज्य सरकारें की जिम्मेदारी होगी कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो.
- गांवों में ईंट भट्टों और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में काम शुरू किया जाएगा.
- ग्राम पंचायत स्तर पर सरकार की मंजूरी वाले कॉमन सर्विस सेंटर खुल सकेंगे.
- कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउस सर्विस शुरू होगी.
- फिशिंग ऑपरेशन (समुद्र और देश के अंदर) जारी रहेंगे. इसमें- मछलियों का भोजन, मेंटेनेंस, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री हो सकेगी.
- मछली और मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, मछलियों का खाना और इस काम में लगे लोग आवाजाही कर सकेंगे.
- चाय, कॉफी, रबर और काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग और बिक्री के लिए फिलहाल 50% मजदूर ही रहेंगे.
- दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, डिस्ट्रिब्यूशन और ट्रांसपोर्टेशन हो सकेगा.
- पोल्ट्री फॉर्म समेत अन्य पशुपालन गतिविधियां चालू रहेंगी.
- पशुओं का खाना मसलन मक्का और सोया की मैन्युफेक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन हो सकेगा. पशु शेल्टर और गौशालाएं खुलेंगी.
- ड्रग, फार्मा और मेडिकल डिवाइस बनाने वाली कंपनियों खुलेंगी.
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और स्पेशल इकोनॉमिक जोन, इंडस्ट्रियल टाउनशिप में स्थित कंपनियों को अपने यहां काम करने वाले स्टाफ के रुकने की व्यवस्था कंपनी परिसर में करनी होगी. अगर स्टाफ बाहर से आ रहा है तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए उनके आने-जाने के इंतजाम करने होंगे
- आईटी हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों में कामकाज होगा. कोल, माइन और मिनरल प्रोडक्शन, उनके ट्रांसपोर्ट और माइनिंग के लिए जरूरी विस्फोटक की आपूर्ति जारी रहेगी.
- ऑयल और जूट इंडस्ट्री, पैकेजिंग मटेरियल की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को भी छूट मिलेगी.
- शहरी क्षेत्र के बाहर सड़क, सिंचाई, बिल्डिंग, अक्षय ऊर्जा और सभी तरह के इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन शुरू हो सकेगा. अगर शहरी क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट शुरू करना है तो इसके लिए मजदूर साइट पर ही उपलब्ध होने चाहिए. कोई मजदूर बाहर से नहीं लाया जाएगा.
- मनरेगा के कामों को सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करते हुए किया जाएगा.
- ग्रामीण इलाकों में आने वाली को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी और ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को भी न्यूनतम स्टाफ़ के साथ ऑपरेट करने की अनुमति दी गई है.
- ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की सप्लाई, बिजली और कॉम्युनिकेशंस से जुड़ी परियोजनाओं और गतिविधियों को भी लॉकडाउन से छूट दी गई है. सरकार ने बांस, नारियल, सुपारी, कोको और मसालों की खेती, कटाई, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, बिक्री के साथ-सााथ लेन-देन को भी लॉकडाउन से छूट दी है.
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