*गेवाडिन कालोनी में शासकीय भूमि होने की शिकायत निराधार, शिकायतकर्ता के पास कोई दस्तावेज नहीं, झूठी शिकायत के चलते लोगों में आक्रोश*
सक्ती, 06 मार्च | पिछले लंबे समय से गेवाडिन कालोनी काफी शुर्खियों में रही है। समय समय पर गेवाडिन कालोनी का निर्माण शासकीय भूमि पर होने तथा लंबे चैड़े नाले को लेकर शिकायतें होती रही है और पूर्व में भी कई बार गेवाडिन कालोनी की जांच की जा चुकी है। इस बार पुनः रोहित राठौर सक्ती/रायपुर द्वारा रायपुर में शिकायत करने पर और शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत की जांच हेतु एक टीम गठित कर 6 तारीख दिन शुक्रवार को जांच की गई।
जांच के दौरान शिकायतकर्ता को आहूत किया गया और शिकायतकर्ता तथा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुन्दर अग्रवाल सहित बडी संख्या में लोग उपस्थित थे। जांच में कहीं पर भी न तो शासकीय भूमि पाई गई और न ही शासकीय भूमि पर कोई कब्जा पाया गया। बेन्दरिया तालाब एवं नाले को लेकर जो भ्रामक स्थिति असामाजिक तत्वों द्वारा निजी स्वार्थ पूर्ति हेतु उत्पन्न की गई थी वह जांच में निराधार पाई गई। इस संबंध में जांच अधिकारी शिवकुमार डनसेना नायब तहसीलदार ने बताया कि बेन्दरिया तालाब जिसे लेकर शासकीय भूमि होने के संबंध में प्रचार प्रसार किया जा रहा है.
वह आधारहीन है, वस्तुतः बेन्दरिया तालाब की भूमि निजी भूमि है, इसी प्रकार नाले के रूप में नक्शे मे कोई भूमि दर्ज नही है, नाला निजी भूमि में है। इस प्रकार शिकायत पूरी तरह निराधार एवं झूठी पाई गई। नगर में कतिपय लोग अपने स्वार्थ सिद्धी के लिये झूठी शिकायते कर, लोगों का भय दोहन कर शासन का अमूल्य समय एवं शासन की छवि खराब करने में लगे रहते है। झूठी शिकायत को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है और लोग माननीय उच्च न्यायालय में इस संबंध में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे है।
सक्ती, 06 मार्च | पिछले लंबे समय से गेवाडिन कालोनी काफी शुर्खियों में रही है। समय समय पर गेवाडिन कालोनी का निर्माण शासकीय भूमि पर होने तथा लंबे चैड़े नाले को लेकर शिकायतें होती रही है और पूर्व में भी कई बार गेवाडिन कालोनी की जांच की जा चुकी है। इस बार पुनः रोहित राठौर सक्ती/रायपुर द्वारा रायपुर में शिकायत करने पर और शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत की जांच हेतु एक टीम गठित कर 6 तारीख दिन शुक्रवार को जांच की गई।
जांच के दौरान शिकायतकर्ता को आहूत किया गया और शिकायतकर्ता तथा नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष श्याम सुन्दर अग्रवाल सहित बडी संख्या में लोग उपस्थित थे। जांच में कहीं पर भी न तो शासकीय भूमि पाई गई और न ही शासकीय भूमि पर कोई कब्जा पाया गया। बेन्दरिया तालाब एवं नाले को लेकर जो भ्रामक स्थिति असामाजिक तत्वों द्वारा निजी स्वार्थ पूर्ति हेतु उत्पन्न की गई थी वह जांच में निराधार पाई गई। इस संबंध में जांच अधिकारी शिवकुमार डनसेना नायब तहसीलदार ने बताया कि बेन्दरिया तालाब जिसे लेकर शासकीय भूमि होने के संबंध में प्रचार प्रसार किया जा रहा है.
वह आधारहीन है, वस्तुतः बेन्दरिया तालाब की भूमि निजी भूमि है, इसी प्रकार नाले के रूप में नक्शे मे कोई भूमि दर्ज नही है, नाला निजी भूमि में है। इस प्रकार शिकायत पूरी तरह निराधार एवं झूठी पाई गई। नगर में कतिपय लोग अपने स्वार्थ सिद्धी के लिये झूठी शिकायते कर, लोगों का भय दोहन कर शासन का अमूल्य समय एवं शासन की छवि खराब करने में लगे रहते है। झूठी शिकायत को लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है और लोग माननीय उच्च न्यायालय में इस संबंध में याचिका दायर करने की तैयारी कर रहे है।
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