देवघर: 21 फरवरी यानि शिवरात्रि के दिन देवघर के विश्वप्रसिद्ध बाबा बैधनाथ मंदिर में गोड्डा लोकसभा के सांसद निशिकांत दुबे के द्वारा मनाही के बावजूद निकास द्वार से प्रवेश करने और इस मामले को लेकर पंडा धर्मरक्षिणी सभा द्वारा विरोध दर्ज किए जाने का मामला पुलिस के पास पहुंच गया है। इस मामले में गोड्डा सांसद के सरकारी अंगरक्षक द्वारा देवघर पुलिस को शिकायत दी गयी है। हालांकि समाचार लिखे जाने तक इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। लेकिन घटना के वक्त उपस्थित लोगों ने अब पुलिस को दी गयी शिकायत पर सवाल खड़ा किया है। इस मामले के शिकायतकर्त्ता भागलपुर के सबौर थाना के निवासी गोविंद मालाकार हैं। गोविंद झारखंड पुलिस के गोड्डा जिला बल का आरक्षी है जो अभी सांसद निशिकांत दुबे की सुरक्षा में प्रतिनियुक्त है।
पहले जानते हैं क्या है शिकायत में:
शिकायतकर्त्ता गोविंद मालाकार के अनुसार, 21 फरवरी को दोपहर 12.15 बजे दिन में गोड्डा लोकसभा के सांसद अपनी पत्नी और माता पिता के साथ बाबा मंदिर के गर्भ गृह से पूजा कर लौटने के क्रम में निकासी द्वार के पास स्थित बैरिकेडिंग के पास पंडा धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्त्तिक नाथ ठाकुर एवं अन्य 8-10 सहयोगियों के साथ नाजायज मजमा बनाकर सांसद को घेर लिया, गाली गलौज की, धक्का मुक्की की और हाथापाई करने लगे। दोनों बॉडीगार्ड जब सांसद का बीच बचाव करने पहुंचे तो कार्त्तिक नाथ ठाकुर ने सांसद के गले से तीन भर सोना का चेन( जिसकी कीमत एक लाख बीस हजार बताई गई है) उसे छीन लिया और दोनों बॉडीगार्ड के साथ धक्का मुक्की और हाथापाई की। इस बीच हल्ला गुल्ला होने पर स्कॉट के पीएसओ भी पहुंचे और सांसद का बीच बचाव किया। इसके बाद कार्त्तिक नाथ ठाकुर अन्य सहयोगियों के साथ भाग निकलें तब सांसद को सुरक्षित मंदिर प्रांगण से बाहर निकाला जा सका। इस घटना को कार्यकर्त्ताओं और समर्थकों ने देखा और बीच बचाव किया।
अब जानिए शिकायत पर क्यों है सवाल?
यह घटना शिवरात्रि के दिन भारी भीड़ की मौजूदगी में घटित हुई है। सैंकड़ों लोग, मीडियाकर्मी, प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी और मंदिर के चारों तरफ फैले सीसीटीवी में इस घटना का पूरा ब्यौरा दर्ज है। सवाल यह कि गोड्डा सांसद के सरकारी सुरक्षाकर्मी मालाकार अपनी ड्यूटी निभाने में पूर्ण रुप से नाकाम साबित हुए। सांसद के जान की जिम्मेदारी जिन हथियारबंद सुरक्षाकर्मियों पर है, प्रथम दृष्टतया उन्होंने अपनी ड्यूटी नहीं निभाई। सवाल यह कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस सांसद के सुरक्षाकर्मी 8-10 निहत्थे लोगों से क्यों डर गए? उनकी मौजूदगी में सांसद के साथ हाथापाई की घटना कैसी घटी? हाथापाई की घटना के बाद बॉडीगार्डों ने सांसद को मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई या नहीं? सवाल यह तीन भर चेन छीने जाने की घटना सीसीटीवी में क्यों नहीं दिख रही? सवाल यह मंदिर में हो रही भारी शोरगुल के बीच हो हल्ला की आवाज उनकी गाड़ी में बैठे पीएसओ के जवान तक कैसे पहुंची। घटना के वक्त पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी उपस्थित थे। क्या इस घटना को उन्होंने भी देखा या सिर्फ बॉडीगार्ड और समर्थकों ने? घटना के वक्त उपलब्ध वीडियो से इस बात की भी जानकारी मिल रही है कि अपने विरोध से तिलमिलाये सांसद निकास गेट के पास 15 मिनट के लिए बैठ गए, जिन्हें प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उठाया गया। इसके बाद सांसद मंदिर से बाहर निकल गए जबकि उनका विरोध कर रहे लोग वहीं नारेबाजी करते रहें।
बहरहाल घटना के वक्त उपलब्ध वीडियो में बॉडीगार्ड द्वारा दी गयी पुलिस शिकायत पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं। अब इस बारे में जांच के बाद ही यह निष्कर्ष निकाला जा सकेगा कि इस मामले में सच कौन बोल रहा है। वहीं देवघर एसपी एनके सिंह ने बताया है कि अभी शिकायत की जांच की जा रही हैं।
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