शाहजहांपुर जेल में निरुद्ध बंदियों को आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है ताकि वह आपराधिक प्रवृत्ति छोड़कर एक अच्छे नागरिक बनकर रोजी रोजगार के द्वारा अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
इसके लिए कारागार में ऐसे अनेकानेक बहुउपयोगी कौशल विकास सम्बन्धित प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें शासकीय संस्थाओं से लेकर स्वयंसेवी संगठनों का सहयोग लिया जा रहा है।
इस कड़ी में वर्तमान में इलेक्ट्रीशियन का कार्य व हैण्डीक्राफ्ट के कार्य का प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।इसमें प्रत्येक कोर्स में 60-60 बंदी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के सहयोग से प्रारंभ किये गए हैं।इसमें उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन द्वारा नामित प्रशिक्षण प्रदाता "ई-आश्रम इन्फोटेक प्रा लि कें कुशल प्रशिक्षकों के द्वारा विभिन्न विधियों व उपकरणों की सहायता से बंदियों को प्रायोगिक प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
इसके पूर्व में ओडीओपी के तहत जरी जरदोजी, सिलाई-कटाई व कढाई, कम्पोस्ट खाद व आधुनिक खेती,जनरल प्लम्बरिंग, कम्प्यूटर प्रशिक्षण, गमला निर्माण व नर्सरी कार्य, पाककला (भोजन बनाने) आदि प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। आगे अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए 216 बंदियों का चयन किया गया है जिन्हें अन्य अनेक प्रकार के प्रशिक्षण -मशरूम की खेती, इलेक्ट्रॉनिक सामान की मरम्मत का कार्य आदि सिखाये जायेंगे।इसके साथ साथ बंदियों शिक्षित करने तथा शिक्षित बंदियों को हायर एजुकेशन दिलाने का कार्य भी समानांतर चलाया जा रहा है। लगभग 200 बंदी बीए,बीकाॅम, एमए,एमकाॅम, बीबीए, एमबीए तथा अन्य डिप्लोमा कोर्स कर रहे हैं। जिसका परीक्षा केंद्र भी शाहजहांपुर जेल में ही रहता है।
COMMENTS