सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत है सीता अशोक का वृक्ष : विजय शंकर चतुर्वेदी
- गौरव वाटिका में रोपित हुआ यह वृक्ष
- माँ सीता को रावण ने इसी वृक्ष के नीचे रखा था
- प्रसन्नता और समृद्धि का वातावरण तैयार करने की अपूर्व सामर्थ्य है इस पेड़ में : कटियार
सोनभद्र, मड़ई तियरा स्थित गौरव वाटिका में सीता अशोक का पौधा रोपित किया गया , उच्च औषधीय और धार्मिक वृक्ष की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर चतुर्वेदी ने बताया कि इस पेड़ में अत्यधिक सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है , यही वजह रही होगी कि अशोक वाटिका में इसी पेड़ के नीचे माँ सीता का आत्मबल नहीं डिगा था ।
आकाशवाणी ओबरा के निदेशक अजय प्रताप कटियार ने बताया कि इस वृक्ष में प्रसन्नता और समृद्धि का वातावरण तैयार करने की अपूर्व सामर्थ्य है। राष्ट्र्पति भवन और राजभवन लखनऊ में इसे महत्व के साथ रोपित किया गया है।
इसके औषधीय गुणों पर प्रकाश डालते हुए भोलानाथ मिश्रा ने बताया कि सांस सम्बन्धी रोगों में इसकी पत्तियां लाभकारी हैं लेकिन स्त्रीजनित रोगों में यह रामबाण का काम करता है। इस वृक्ष की छाल में कैल्सियमयुक्त और लौहयुक्त कार्बनिक यौगिक पाये जाते हैं। उन्होंने आगे बताया कि सीता अशोक की छाल में एस्ट्रोजन हार्मोन पाये जाते हैं जिसकी वजह से यह प्रजनन संस्थान पर अत्यंत प्रभावी होता है।
सनोज तिवारी ने इस वृक्ष की महत्ता बताते हुए भावप्रकाश पुस्तक का उल्लेख किया और इसे रक्त शोधक बताया । उन्होंने मड़ई , तियरा स्थित गौरव वाटिका में रोपित दुर्लभ किस्म के पौधों व पुष्पों के लिए विजय शंकर चतुर्वेदी के प्रयासों को अनुकरणीय बताया । उन्होंने कहा कि जनपद के किसानों और पर्यावरण प्रेमियों को श्री चतुर्वेदी के परिसर का अवश्य भ्रमण करना चाहिए जहां देश विदेश के विभिन्न जलवायु के पौधे लगे हैं और फल दे रहे हैं।
इस अवसर पर सुनील तिवारी , अख्तर अली , रवि शंकर , सर्जुन पासवान सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे ।
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