हिमाचल प्रदेश : हिंदू धर्म और हमारी संस्कृति में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और ऐसी मान्यता भी है कि गौमाता में 36 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है।
कहते हैं कि जो मनुष्य प्रात: स्नान करके गौ स्पर्श करता है, वह पापों से मुक्त हो जाता है। संसार के सबसे प्राचीन ग्रंथ वेद हैं और वेदों में भी गाय की महत्ता और उसके अंग-प्रत्यंग में दिव्य शाक्तियां होने का वर्णन मिलता है। गाय के गोबर में लक्ष्मी, गोमूत्र में भवानी, चरणों के अग्रभाग में आकाशचारी देवता, रंभाने की आवाज़ में प्रजापति और थनों में समुद्र प्रतिष्ठित हैं।
गौ माता के प्रति सही मायनों में भक्ति दिखाने का साक्षात व सजीव उदाहरण गत दिवस हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के गिरी पार्क रेणुका क्षेत्र में हरिपुरधार के निकट बडयाल्टा नामक गांव में उस वक्त देखने को मिला जब एक घायल गाय को उसके मालिक के घर तक पहुंचाने के लिए ना केवल तुरंत गांव वासी एकत्रित हो गए बल्कि 5 क्विंटल वजन वाली घायल गाय को डोली में दुल्हनिया की तरह उठाकर चंद घंटों में ही उसके घर पहुंचा दिया।
एक तरफ हम आये दिन घायल और नकारा पशुओं को सड़कों और खेतों में दर-दर की ठोकरें खाते देख रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ बडयाल्टा गांव के लोगों ने गौ माता के प्रति प्रगाढ़ आस्था का परिचय देते हुए समाज के सामने एक आदर्श प्रस्तुत किया है और यह संदेश भी दिया है कि संकट के समय चाहे मनुष्य हो, चाहे मवेशी, मदद करना ही सच्ची मानवता है।
बडयाल्टा गांव के लोगों ने गिरी पार क्षेत्र में सैकड़ों वर्षो से एक दूसरे को संकट से उबारने के लिए चली आ रही है हेला प्रथा को आज भी जारी रखकर सांस्कृतिक परंपराओं को अभी भी कायम रखा है। यह वीडियो पहाड़ के लोगों के आपसी सहयोग और सद्भाव की भावना को भी दर्शाती है।
प्रगति मीडिया संवाददाता कपिल देव
हिमाचल प्रदेश सिरमौर
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