प्रश्नबैंक के नाम पर शिक्षा विभाग में लाखों का गोलमाल.एस एम डी सी राशि का मामला....
*जिले के प्राचार्यो का किया गया शोषण विभाग के दबाव में आकर लिया गया फैसला*
सिवनी नवभारत- सिवनी जिले मैं शिक्षा विभाग का एक बड़ा मामला देखने
और सुनने को मिल रहा है जहां शिक्षा विभाग में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों
द्वारा प्रश्न बैंक के नाम पर जिले की अलग-अलग विकास खंडों के माध्यम से
9वीं और 10वीं के प्रश्न बैंक के लिए जिला शिक्षा विभाग द्वारा जिले के
प्राचार्यो को बिना निविदा के चलते एक ही फर्म को शिक्षा विभाग द्वारा
जबरदस्ती पद का दुरुपयोग करते हुए दबाव बनाकर का शोषण किया गया जिससे
जिले के अधिकांश शिक्षक मानसिक रूप से परेशान नजर आ रहे हैं वही अपने नाम न
बताने की शर्त पर जिले के अधिकांश प्राचार्य ने हमारे संवाददाता इस पूरे
मामले से अवगत कराते हुए शिक्षा विभाग में हो रहे लाखों का भ्रष्टाचार में
भारी अनियमितताएं के चलते प्रश्न बैंक के नाम पर शिक्षा विभाग द्वारा
शासकीय राशि का दुरुपयोग करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से शासकीय राशि का
दुरुपयोग किया जा रहा है
*मामले की सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत*
शिकायतकर्ता शंकर मखीजा द्वारा शिकायत की गई की सिवनी विकासखंड
के अंतर्गत प्रश्न बैंक के लिए भारी भ्रष्टाचार हुआ है खरीदी की गई है और
एक ही फर्म से खरीदी की गई है वही स्कूल स्तर से खरीदी नहीं की गई है साथ
ही क्रय समिति के निर्णय भी पारित नहीं किए और नियम अनुसार खरीदी नहीं
हुईऔर जीएसटी टिन नंबर के बिना सीधे खरीदी की गई साथ ही किसी प्रकार की कोई
निविदा आमंत्रित नहीं की जिस पर सीएम हेल्पलाइन में इस पूरे मामले की
शिकायत करते हुए शिकायतकर्ता द्वारा कड़ी से कड़ी कार्रवाई के साथ ही
निष्पक्ष जांच हो
*बिना जीएसटी टिन नंबर के बिलो में की गई प्रश्नबैंक की खरीदी*.
शासकीय
राशि का दुरुपयोग करना वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की श्रेणी में
आता है इसके बावजूद भी शिक्षा विभाग द्वारा इसकी परवाह न करते हुए बिना
किसी डर के शासन को लाखों का चूना लगाते हुए बिना जीएसटी टिन नंबर का
भुगतान के चलते दुकानदार और शिक्षा विभाग मैं बैठे वरिष्ठ अधिकारियों को
लाभ पहुंचाने और शासन की राशि का नुकसान के चलते शासकीय राशि का दुरुपयोग
किया गया और सिवनी जिले मैं सभी स्कूलों के प्राचार्य द्वारा प्रश्न
बैंक का भुगतान बिना जीएसटी टिन नंबर के शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों
के दबाव में आकर बिना जीएसटी टिन नंबर का बिलों का भुगतान किया गया जो
बिल्कुल नियम विरुद्ध बताया जाता है।
*बदले जा सकते हैं बिना जीएसटी टिन नंबर के बिलों का भुगतान*
सूत्रों
से मिली जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि जैसे इस मामले की जानकारी
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और जिले की प्राचार्यो को जानकारी मिलती
है तो बदले जा सकते हैं बिना जीएसटी के टिन नंबर के बिलो का भुगतान
क्योंकि इस मामले में बताया जाता है कि लगभग 9वीं और 10वीं के छात्रों की
संख्या लगभग 42 हजार से ऊपर की बताई जा रही है जिसमें 9वीं की संख्या लगभग
22: हजार जिसमें 3 विषयो के प्रश्न बैंकों जिसमें की प्रति छात्र 55 रुपए
बताई जा रही है तो 6 विषयों की टोटल राशि ₹110 के रूप में शासन प्रश्न
बैंक की संस्था को राशि उपलब्ध कराएगी विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी
के अनुसार बताया जाता है कि प्रति छात्र 74 रूपया 17 पैसे के हिसाब से खाते
में सरकार द्वारा एसएमडीसी के माध्यम से डालना है लेकिन वित्तीय
अनियमितताएं के चलते प्रति छात्र के 35 रुपे बचाने के चलते इस पूरे मामले
में शिक्षा विभाग द्वारा यह खेल खेला गया जिससे सरकार को लाखों का चूना
लगाकर शिक्षा विभाग वाही वाही लूट रहा है और शासकीय राशि का दुरुपयोग किया
जा रहा है.
*इनका कहना है*.
अगर बिना जीएसटी टिन नंबर के बिलों का भुगतान हुआ होगा
तो इस पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी जिला शिक्षा अधिकारी जीएस बघेल.
*इनका कहना है* इस पूरे मामले में आप जिला शिक्षा
अधिकारी से जानकारी ले सकते हैं सहायक जिला परियोजना समन्वयक महेश गौतम.
*इनका कहना है*
शिक्षा
विभाग में प्राचार्य को दबाव डालकर इस तरह के काम किसके आदेश से किया जा
रहा है हालांकि संबंधित मामले संपूर्ण दस्तावेज के आधार पर मेरे द्वारा
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की गई है शंकर मखीजा
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