Hello, hope you are taking good care of yourself and your family in this era of corona epidemic.
We will reduce immunity power
So we will never win from corona.
A small poem I hope you all like the above wish.
आज हुआ है अनुभव मुझको,
बड़ी ही मुश्किलों के बाद जाना है तुझको,
चाहती हूं आप भी जानो गहराई से इसको,
इ- इनको
च्-चाहना
छ-छोड़ दो
आ- अब
यह नहीं है इच्छा बिल्कुल भी, तारीफ हर कोई करें
मगर कोशिश पूरी जरूर है कि, बुरा इसे ना कोई कहे।
इच्छाएं क्यों जन्म लेती हैं Why do desires take birth
___________________________________
इच्छाएं क्यों जन्म लेती हैं, जब मारना उनको भी पड़ता है।
इच्छाएं क्यों नहीं मान लेती की तड़पना उनको भी पड़ता है।
इच्छाएं होती है सबकी अपनी-अपनी
क्यों कभी-कभी बताना मुश्किल होता है
चली आ रही प्रथाओ की रीत पर
चलना इनको भी पड़ता है।
इच्छाएं भी गमन होती है, दमन इनका भी होता है,
परंपराओं के नाम पर कुरीतियों को निभाना इनको भी पड़ता है।
इच्छाएं जन्म ही क्यों लेती हैं जब मारना उनको भी पड़ता है।
बैठी सबके मन में इच्छा है, मगर हर इंसान से यह कह पाना नामुमकिन सा होता है,
नहीं हो पाती कुछ इच्छाएं जीवन में पूरी,
भुलाना इनको भी पड़ता है,
जानते हैं,नहीं होती इच्छाओं की आयु लंबी,
तब भी कामना इच्छापूर्ती की होती है, सभी की
कतार में खड़े हो जैसे दरस पाने के भगवन को,
तप तो उनको भी करना पड़ता है।
समय आने पर ही, होती इच्छा पूरी, मुक्त तो इनको भी होना पड़ता है।
Chief editor
Aarti Gautam
We will reduce immunity power
So we will never win from corona.
A small poem I hope you all like the above wish.
आज हुआ है अनुभव मुझको,
बड़ी ही मुश्किलों के बाद जाना है तुझको,
चाहती हूं आप भी जानो गहराई से इसको,
इ- इनको
च्-चाहना
छ-छोड़ दो
आ- अब
यह नहीं है इच्छा बिल्कुल भी, तारीफ हर कोई करें
मगर कोशिश पूरी जरूर है कि, बुरा इसे ना कोई कहे।
इच्छाएं क्यों जन्म लेती हैं Why do desires take birth
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इच्छाएं क्यों जन्म लेती हैं, जब मारना उनको भी पड़ता है।
इच्छाएं क्यों नहीं मान लेती की तड़पना उनको भी पड़ता है।
इच्छाएं होती है सबकी अपनी-अपनी
क्यों कभी-कभी बताना मुश्किल होता है
चली आ रही प्रथाओ की रीत पर
चलना इनको भी पड़ता है।
इच्छाएं भी गमन होती है, दमन इनका भी होता है,
परंपराओं के नाम पर कुरीतियों को निभाना इनको भी पड़ता है।
इच्छाएं जन्म ही क्यों लेती हैं जब मारना उनको भी पड़ता है।
बैठी सबके मन में इच्छा है, मगर हर इंसान से यह कह पाना नामुमकिन सा होता है,
नहीं हो पाती कुछ इच्छाएं जीवन में पूरी,
भुलाना इनको भी पड़ता है,
जानते हैं,नहीं होती इच्छाओं की आयु लंबी,
तब भी कामना इच्छापूर्ती की होती है, सभी की
कतार में खड़े हो जैसे दरस पाने के भगवन को,
तप तो उनको भी करना पड़ता है।
समय आने पर ही, होती इच्छा पूरी, मुक्त तो इनको भी होना पड़ता है।
Chief editor
Aarti Gautam
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