बिहार: ये बुजुर्ग जिनके आँख में चोट लगी है ये हैं शशि कुमार सिंह इनकी उम्र 62-65 साल के बीच होगी, बिहार यूनिवर्सिटी के पीजी-3 छात्रावास के गार्ड साहब हैं दशहरा,दीपावली,छठ,होली कोई भी पर्व हो इनका काम है छात्रावास की देखभाल करना 365 दिन ये छात्रावास की देखभाल करतें हैं।
उम्र के हिसाब से गार्ड साहब थानाध्यक्ष 'रामनाथ प्रसाद' के पिता समान हैं, थानाध्यक्ष महोदय को सूचना मिलती है कि लॉकडाउन के बाबजूद भी छात्रावास में छात्र रह रहें हैं। अब थानाध्यक्ष महोदय का एक खास जाती से नफरत तो देखिए, पीजी-3 छात्रवास में जाते हैं और जातिसूचक गाली गलौज करते हुए अपने 6-7 सिपाहियों के साथ छात्रवास के अंदर दाखिल होते हैं और कहते हैं की चुन चुनकर सबको गोली मार दूँगा।
इतने में गार्ड साहब कहते हैं कि सर लॉकडाउन की वजह से पूरा छात्रवास खाली है सभी छात्र अपने-अपने घर गए हुए हैं।
थानाध्यक्ष ने इस बुजुर्ग गार्ड को जाती की गाली देकर बेरहमी से पीटना सुरु कर देतें हैं, रामनाथ की पिटाई से यह बुजुर्ग बुरी तरह घायल हो गए हैं और इनका निजी स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार चल रहा है, आप सभी बताएं की वर्दी की आड़ में गुंडागर्दी करने वाले ऐसे पुलिसकर्मी को तत्काल निष्कासित करना चाहिए की नहीं चाहिये, आप लोग बताएं की एक बुजुर्ग को बेरहमी से पीटना ये कहा का न्याय है। ऐसे नपुंसक पुलिस के खिलाफ आवाज उठाये।
उम्र के हिसाब से गार्ड साहब थानाध्यक्ष 'रामनाथ प्रसाद' के पिता समान हैं, थानाध्यक्ष महोदय को सूचना मिलती है कि लॉकडाउन के बाबजूद भी छात्रावास में छात्र रह रहें हैं। अब थानाध्यक्ष महोदय का एक खास जाती से नफरत तो देखिए, पीजी-3 छात्रवास में जाते हैं और जातिसूचक गाली गलौज करते हुए अपने 6-7 सिपाहियों के साथ छात्रवास के अंदर दाखिल होते हैं और कहते हैं की चुन चुनकर सबको गोली मार दूँगा।
इतने में गार्ड साहब कहते हैं कि सर लॉकडाउन की वजह से पूरा छात्रवास खाली है सभी छात्र अपने-अपने घर गए हुए हैं।
थानाध्यक्ष ने इस बुजुर्ग गार्ड को जाती की गाली देकर बेरहमी से पीटना सुरु कर देतें हैं, रामनाथ की पिटाई से यह बुजुर्ग बुरी तरह घायल हो गए हैं और इनका निजी स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार चल रहा है, आप सभी बताएं की वर्दी की आड़ में गुंडागर्दी करने वाले ऐसे पुलिसकर्मी को तत्काल निष्कासित करना चाहिए की नहीं चाहिये, आप लोग बताएं की एक बुजुर्ग को बेरहमी से पीटना ये कहा का न्याय है। ऐसे नपुंसक पुलिस के खिलाफ आवाज उठाये।
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