राज्य के पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने मवेशियों के समक्ष हुए चारा- चोकर संकट के मध्य नजर राज्य सरकार व जिला प्रशासन से शीघ्र चारा -चोकर की व्यवस्था कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बीते एक सप्ताह से किसान कोरोना वायरस के कारण घर में दुबके परे हैं । उनके द्वारा संग्रहित चारा- चोकर समाप्त हो गया है । अब उनके एवं मवेशी के समक्ष गंभीर चारा संकट उत्पन्न हो गया है। जिस कारण वे काफी परेशान है।
उन्होंने कहा है कि जिले के सभी फ्लावर मिल गेहूं एवं मजदूरों के आवाक नहीं होने के कारण बंद हो गया है।जिस कारन चोकर उत्पादन पूरी तरह ठप हो गया है। धीरे-धीरे मवेशी दूध देना भी बंद कर रही है यदि यह स्थिति बनी रही तो जिले में गंभीर दूध संकट पैदा हो जाएगा। फिर पाउडर एवं अन्य केमिकल से बना दूध का उपयोग मानव जीवन के लिए गंभीर खतरा बन जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से जिले के सभी पंचायत मुख्यालयों पर मवेशियों के लिए भूसा एवं चोकर का पर्याप्त भंडारण कराने की मांग की है ताकि किसान भूसा चोकर प्राप्त कर सके। उन्होंने किसान मजदूरों से घर में रहकर ही माल मवेशी का रखरखाव, चारा पानी सुनिश्चित करने को कहा है।
उन्होंने जिलाधिकारी से कहां है कि शास्त्रों के मुताबिक पशु पक्षी को कुसमय बोलना विपदा की घड़ी में अशुभ माना जाता है। बीते 2 दिनों से गांवों में भूख के कारण माल- मवेशी पशु - पक्षी बोलना शुरू कर दिया है। जिस कारण लोग सशंकीत हो गए है। ऐसे में इस दिशा में शीघ्र पहल हो।
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