देवघर : नगर शांति और महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए सैकड़ों साल पुरानी परंपरा के तहत की जाने वाली गंवाली पूजा का आयोजन विश्वप्रसिद्ध बाबा बैधनाथ मंदिर के प्रांगण स्थित माता के मंदिर में किया गया। पंडा धर्मरक्षिणी सभा के तत्वावधान में नगर गंवाली पूजा का आयोजन बड़े ही धूमधाम से किया जाता है। मंगलवार देर शाम माता की विशेष पूजा अर्चना शुरु की गई। गंवाली पूजा में तांत्रिक विधि से माता की पूजा अर्चना करायी जाती है। वहीं, तारा मंदिर के सामने स्थित हवन कुंड में शहर के लोगों द्वारा मंदिर धूमना चढ़ा कर अपने परिवार के सुखमय जीवन की कामना की जाती है। गंवाली पूजा में मंदिर प्रांगण में हवन और हवन के बाद नगर कुंवारी एवं बटुक भोजन का आयोजन की परंपरा है। इसमें नगर के सभी वर्ग की कुंवारी कन्याओं को भोजन कराया जाता है। इसके पूर्व बाबा मंदिर प्रांगण स्थित सभी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की गई।
मान्यताओं के अनुसार पहले के समय में चैत महीने में अक्सर महामारी फैल जाता था। धार्मिक मान्यताओं के लोग इस महीने महामारी के प्रकोप से बचाव के लिए गंवाली मां की पूजा करते थे। बाबा मंदिर में भी यह परंपरा सैंकड़ों साल पुरानी है।
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