सोनभद्र की अंतरराष्ट्रीय ख्याति रहेगी बरकरार-दीपक कुमार केसरवानी
सोनभद्र-भूतात्विक,पुरातात्विक, ऐतिहासिक, प्राकृतिक स्थलों से भरपूर सोनभद्र जनपद के आदिवासी, संस्कृति, साहित्य, कला, आदिम गुफाचित्र, करोड़ों वर्ष प्राचीन फॉसिल्स आदि विषयों केंद्रित होगा आगामी वर्ष का अंतर्राष्ट्रीय महासम्मेलन, सोनभद्र की हसीन वादियों में फिल्म निर्माताओं द्वारा होगा फिल्मांकन।
यह जानकारी वाराणसी के डीएवी कॉलेज में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय महासम्मेलन एवं इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के आयोजन में उपस्थित कलाकारों, फिल्म निर्माताओं,साहित्यकारों, पत्रकारों,पर्यावरणविदों हर्षध्वनि से पास किया।
उपरोक्त आशय की जानकारी अंतर्राष्ट्रीय महासम्मेलन एवं इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के सलाहकार, संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के विशेषज्ञ, वरिष्ठ साहित्यकार दीपक कुमार केसरवानी दिया।
केसरवानी ने कहा कि सोनभद्र जनपद में लघु भारत की छवि झलकती है, यहां पर चारों ओर गुफाओं, कंदराओ, जंगलों, पेड़ों, पहाड़ों, नदियों, झीलों के मध्य विजयगढ़, अगोरी, सिंगरौली, सोहरीगढ़ का किला, शिवालय, देवालय आदिमानव द्वारा चित्रांकित की गुफाचित्र, डेढ़ अरब वर्ष प्राचीन सलखन के फॉसिल्स सहित विश्व के अनेक जाने-माने अनूठे, रोचक, जानकारी से भरपूर स्थल है जिनको महासम्मेलन का विषय बनाकर इस पर विद्वानों से चर्चा करा कर सोनभद्र जनपद के संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय पटल पर लाया जाएगा। साथ ही यहां की हसीन वादियों, ऐतिहासिक स्थलों, पात्रों पर फिल्माए गए फिल्म का प्रदर्शन भी होगा। जिससे सोनभद्र जनपद को अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त होगी।
यहां पर फिल्म की शूटिंग शुरुआत चार दशक पूर्व भोजपुरी फिल्म सिंदुरवा भईल महाल से हुई थी और आज सोनभद्र में हिंदी फिल्म, बंबइया भोजपुरी फिल्म, एल्बम टेलीफिल्म की शूटिंग प्रतिदिन हो रही है। उपन्यास कार देवकीनंदन खत्री द्वारा रचित विजयगढ़, चुनारगढ़, नौगढ़, रियासत पर आधारित, दूरदर्शन पर प्रसारण के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर धूम मचाने वाली धारावाहिक चंद्रकांता ने सोनभद्र को अंतरराष्ट्रीय ख्याति दिलाई।
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