सीयूजी सिम बंद कर कर घंटे का सांकेतिक हड़ताल शुरू
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में धरना प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी
सोनभद्र। राबर्ट्सगंज नगर स्थित अधिशासी अभियंता कार्यालय पर गुरुवार को विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में विरोध प्रदर्शन कर धरने पर बैठे संयुक्त संघ के लोग वही एशियन सर्वेश सिंह ने बताया कि ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू कराने हेतु बिजली कर्मियों ने प्रांतव्यापी कार्य बहिष्कार शुरू किया।
16 मार्च की रात्रि 10 बजे से शुरू होगी 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल
16 मार्च को देश भर में उप्र के बिजली कर्मियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किये जायेंगे
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उ०प्र० के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियन्ताओं और निविदा / संविदा कर्मियों ने आज प्रातः 10 बजे से कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया है। कार्य बहिष्कार आन्दोलन में लगभग 01 लाख बिजली कर्मी सम्मिलित हैं।
बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉईज एण्ड इंजीनियर्स (एनसीसीओईईई) ने उप्र के बिजली कर्मियों के आन्दोलन के समर्थन में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आहवान किया है। एनसीसीओईईई के आह्वान पर 16 मार्च को देश के सभी प्रान्तों के सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर लगभग 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेगें।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज यहां बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक प्रशांत चौधरी,ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव, सीटू के सुभाष लांबा और कई अन्य राष्ट्रीय नेता 16 मार्च को सुबह लखनऊ पहुंच रहे हैं। लखनऊ में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगें और बिजली कर्मचारियों की सभा को सम्बोधित करेगें।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल होगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठवादिता के चलते बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपी जा रही है। उन्होंने कहा कि 03 दिसम्बर 2022 को हुए समझौते में मा० ऊर्जा मंत्री की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया था अब 112 दिन व्यतीत हो गये हैं और समझौते के प्रमुख बिन्दुओं के क्रियान्वयन की दिशा में कुछ भी कदम नहीं उठाया जा रहा है एवं ओबरा, अनपरा की 800-800 मेगा वाट की नई इकाईयां को उत्पादन निगम से छीन कर एन.टी.पी.सी. को दिये जाने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान किये जाने के उल्टे शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे बिजली कर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री मा० योगी आदित्यनाथ जी के प्रति पूरा सम्मान व निष्ठा व्यक्त करते हुए समझौते को लागू कराने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप करने की पुनः अपील की है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों का उदेश्य हड़ताल कदापि नहीं है, हड़ताल उन पर थोपी जा रही है। यदि समझौते का क्रियान्वयन व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान हो जाये तो बिजली कर्मी पूरी निष्ठा से दिन-रात कार्य कर उ०प्र० को बिजली आपूर्ति के मामले में शीर्ष दर्जा दिलाने में सक्षम हैं। सभा में अधिशासी अभियन्ता ई० आज के कार्य बहिष्कार सहायक अभियन्ता ई० ए०के० कौशल, ई० रामेन्द्र पाण्डेय, ई० के०एस० यादव, ई० ए०के० गुप्ता, ई० डी०के० सिंह, ई० श्रवण कुमार सिंह, ई० एस०के० यादव, ई० विवेक कुमार, ई० सुनील कुमार, अवर अभियन्ता ई० संजय सिंह, ई० कमलेश कुमार, ई० शैलेश कुमार, रामलाल, सत्यप्रकाश, पुष्पराज, विनोद, व अन्य कर्मचारी शामिल रहे। एस0के0 सिंह, ई० सुजीत कुमार गुप्ता,आदि लोग मौजूद रहे।
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