विख्यात कवि पद्मश्री सुनील जोगी ने मानसिक शांति के लिए धार्मिक उपवास की तर्ज पर डिजिटल उपवास को भी जरूरी बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में इंटरनेट का इस्तेमाल बहुत तेजी से बढ़ा है। लोगों को लग रही सोशल मीडिया की लत पारिवारिक और सामाजिक ताने-बाने के लिए घातक है। सोशल मीडिया पर लाइक और कमेंट्स लोगों को तनावग्रस्त भी कर रहे हैं।
इससे बचने के लिए अब सप्ताह में एक दिन डिजिटल उपवास भी जरूरी हो गया है। सप्ताह में कम से कम एक दिन अपने फोन, कंप्यूटर या लैपटॉप जैसी चीजों से दूरी बनाने की जरूरत है। पद्मश्री सुनील जोगी एसजेवीएन के थीम सांग की शूटिंग के सिलसिले में शिमला आए हुए हैं। उन्होंने अमर उजाला के साथ खास बातचीत में अपने दिल की बात खुलकर साझा की।
बकौल सुनील जोगी प्रकृति में ईश्वर निवास करते हैं। हिमाचल प्रदेश में आकर यह बात सिद्ध हो जाती है। उन्होंने प्रदेश सरकार से हिमाचली संस्कृति और संगीत को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए सूबे में फिल्म सिटी खोलने की मांग भी उठाई है। उन्होंने बताया कि एसजेवीएन के थीम सांग की शूटिंग शिमला और रामपुर में हो रही है। निगम प्रबंधन जल्द ही गीत को जारी करेगा।
टैलेेंट भी है तो बुराइयां भी कम नहीं
पद्मश्री सुनील जोगी के अनुसार बॉलीवुड में टैलेंट है तो बुराइयां भी कम नहीं है। नशा, शोषण, ज्यादा दिखावा और अहंकार बॉलीवुड में रचबस गया है। ड्रग्स का बॉलीवुड की पार्टियां से गहरा रिश्ता है। बॉलीवुड अबबदनाम हो गया है। इस इमेज को सुधारने की जरूरत है।
PRAGATI MEDIA HIMACHAL
REPORTER RAJESH KUMAR
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