सर्वोच्च न्यायालय की अवहेलना कर प्राचीन सार्वजनिक तालाब के अस्तित्व को समाप्त कर रहा नगर पंचायत।
जौनपुर (मड़ियाहूं) मड़ियाहूं नगर पंचायत अंतर्गत तहसील परिसर से मात्र 20 मीटर की दूरी पर सार्वजनिक तालाब स्थित है । जो कागजातों में भी तालाब का नाम दर्ज है। जिसके अस्तित्व की रक्षा करने का भार नगर पंचायत पर है। परंतु नगर पंचायत अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों का पालन न करके तालाब के अस्तित्व को समाप्त करने पर तुला हुआ है। तालाब में नगर पंचायत की उदासीनता की वजह से आने - जाने वाले एवं अगल-बगल के दुकानदार तथा पूरी सब्जी मंडी व ठेला खोमचे वाले दुकानदार वहां पर आकर शौच एवं पेशाब तालाब में ही करते रहते हैं । जबकि नगर पंचायत द्वारा तहसील परिसर में सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया और उसका एक दरवाजा नगर पंचायत द्वारा तहसील परिसर का दक्षिण तरफ नहीं खोला गया। जिस कारण से अगल - बगल की दुकानदार आने - जाने वाले राहगीरों व ठेला खोमचा वाले नगर पंचायत द्वारा बनाई गई तहसील परिसर में सार्वजनिक शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं । लोगों का कथन है कि तालाब पर कब्जा करने वाले लोगों में तहसील के वरिष्ठ अधिवक्तागण है। जिसके कारण से वह लोग जानबूझकर ऐसी परिस्थिति पैदा कर दिए कि पूर्व के तहसील अधिकारीगण द्वारा सार्वजनिक शौचालय का दक्षिणी गेट जो सदैव रहा। उसे उसे बंद कर दिया गया। जिस कारण से सार्वजनिक प्राचीन तालाब में लोगों द्वारा शौच व पेशाब किया जा रहा है ।और नगर पंचायत मड़ियाहूं द्वारा भी उस तालाब के अस्तित्व को समाप्त करने में उनका सहयोग किया जा रहा है और इसी प्रकार से ऐसी व्यवस्था नहीं की जा रही है कि उस प्राचीन सार्वजनिक तालाब के अस्तित्व को बचाए तथा सब्जी मंडी के दुकानदारों द्वारा अपने सब्जी के बचे हुए अवशेष एवं कूड़ा करकट को भी उसी तालाब में लाकर फेंक दिया जा रहा है। साथ ही राम जानकी मंदिर द्वारा आए दिन शादी - विवाह एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और उन कार्यक्रमों में होने वाले कूड़ा करकट जैसे सब्जी के अवशेष दोना , पत्तल इत्यादि को भी उसी तालाब में फेंक दिया जा रहा है जिससे आए दिन तालाब पटता चला जा रहा है। और तालाब का अस्तित्व समाप्त होता चला जा रहा है । जबकि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तालाब की सुरक्षा का तथा सुंदरीकरण का भार उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों को दिया गया है परंतु मडियाहू तहसील के अधिकारियों द्वारा तालाब की दुर्दशा को देखते हुए भी कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है और ना ही सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय इलाहाबाद के निर्देशों का पालन किया जा रहा है ।इस बाबत नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी से लोगों द्वारा बार-बार शिकायत की गई परंतु वह इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं तथा लोगों द्वारा यह चर्चा का विषय भी बना हुआ है। कि नगर पंचायत तालाब का अस्तित्व समाप्त करने में भू माफियाओं का सहयोग कर रहा है। इस बाबत जब मुझ पत्रकार द्वारा नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी संजय कुमार से बात कर उनका पक्ष जानने के लिए बार - बार फोन किया गया ।तो उन्होंने अपना फोन नहीं उठाया जिससे उनका पक्ष नहीं जाना जा सका। स्थानीय जनता एवं अगल-बगल के दुकानदार व आने जाने वाले लोगों सब का यही मांग है कि उत्तर प्रदेश शासन एवं जिलाधिकारी जौनपुर ऐसी व्यवस्था करें कि प्राचीन एवं सार्वजनिक तालाब के अस्तित्व की रक्षा हो सके और जिलाधिकारी जौनपुर उचित कार्यवाही करें जिससे तालाब का अस्तित्व बना रहे, साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय व उच्च न्यायालय के आदेश का पालन हो सके। और अगल-बगल के लोग तहसील परिसर में बने सार्वजनिक शौचालय का उपयोग भविष्य में कर सके।
संवाददाता
रवि कुमार केशरी
क्राइम रिपोर्टर
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