कोरोना को लेकर हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों शिमला, मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और लाहौल-स्पीति में हालात बेकाबू हो गए हैं। जनसंख्या के आधार पर देश के कोरोना प्रभावित 16 ग्रामीण जिलों के एक्टिव मामलों में जिला शिमला पहले पायदान पर पहुंच गया है। यहां एक्टिव मामलों का आंकड़ा 2 हजार पार और मौत का आंकड़ा भी 165 के पार पहुंच चुका है। प्रदेश सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए शिमला, मंडी, कुल्लू और कांगड़ा में स्वास्थ्य कर्मचारी और अतिरिक्त पुलिस फोर्स तैनात कर दी है।
लाहौल-स्पीति, कुल्लू, मंडी और कांगड़ा भी देश के कोरोना प्रभावित जिलों की सूची में शामिल हैं। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना ज्यादा कहर बरपा रहा है। मंडी जिले में 1400 और कांगड़ा जिले में कोराना के एक्टिव मामले एक हजार से पार हो गए हैं। जिला शिमला में अब तक सबसे ज्यादा मौत हुई है। कांगड़ा जिला दूसरे और मंडी जिला तीसरे स्थान पर है। इधर, प्रदेश सरकार ने सैंपल लेने की संख्या बढ़ा दी है। प्रतिदिन छह हजार से अधिक सैंपल लिए जा रहे है। सरकार का मानना है कि सैंपल की संख्या में बढ़ोतरी करने से कोरोना पर काबू पाया जा रहा है। आगामी 15 दिन तक स्थिति सामान्य होने के आसार हैं।
कोरोना को नियंत्रित करने में पीछे हो गए हम : भारद्वाज
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि पहले हम कोरोना को नियंत्रित करने आगे थे, लेकिन अब पीछे हो गए हैं। प्रदेश के चार जिलों शिमला, मंडी, कुल्लू और कांगड़ा में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में इन जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा है। नवंबर में ही कोरोना के ज्यादा मामले आए हैं। रामपुर के ननखड़ी और रोहडू में कोरोना अस्पताल बनाए जाएंगे, जिससे बर्फबारी में किन्नौर, लाहौल-स्पीति के मरीजों को सुविधा मिले। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों और कोविड सेंटरों में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में रखने के निर्देश दिए हैं।
PRAGTI MEDIA HIMACHAL
REPORTER RAJESH KUMAR
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