सदन में बुधवार को नई शिक्षा नीति पर चर्चा जारी रही। कांग्रेस सदस्य इंद्रदत्त लखनपाल ने चर्चा की शुरूआत करते हुए कहा कि इस नीति में जो बातें कही गई हैं, उसे कब लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के आने के बाद कई विद्यार्थी असमंजस में हैं और उन्हें नहीं पता वे इसके तहत आएंगे या नहीं। शिक्षकों की भी स्थिति इसमें स्पष्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि विदेशी विवि को स्थापित करने की बात क्या है, क्या फिर से गुलामी की तरफ जाना है। ऐसे में इस नीति में कुछ भी स्पष्ट नहीं है। नीति में संघ का छिपा हुआ एजेंडा देश पर लागू करने का प्रयास है।
भाजपा सदस्य कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि आज की शिक्षा का जो विस्तार हुआ है, उसमें प्लस टू सिस्टम है, लेकिन इसमें स्वरोजगार की व्यवस्था है और इस कमी को नई शिक्षा नीति से दूर किया जाएगा। विधायक बलबीर सिंह ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने में नई राष्ट्रीय नीति मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि आरक्षण राजनीतिक रोटियां सेंकने का तरीका बन गया है। कांग्रेस इतने सालों तक सत्ता में रही, तो उसने जीडीपी के छह फीसदी खर्च को तय क्यों नहीं किया, आज कांग्रेस हल्ला मचा रही है।
विधायक कमलेश कुमारी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मल्टीपल एंट्री व एगिजट सिस्टम का प्रावधान सबसे बेहतर है। विधायक हीरा लाल ने कहा कि 34 साल बाद देश में शिक्षा नीति में बदलाव किया जा रहा है, जो कि बेहद जरूरी था। विधायक जिया लाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में नया मॉडल अपनाया जाएगा, जो कि छात्रों के हित में रहेगा। विधायक जवाहर ठाकुर ने कहा कि बाल्यावस्था से बड़ी उम्र तक के बच्चों का इसका लाभ मिलेगा। विधायक इंद्र सिंह गांधी ने कहा कि फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर का फार्मूला इस नीति में लागू किया जा रहा है, जो सबसे अलग है। विधायक रीना कश्यप ने कहा कि भारत को विश्व गुरू बनाने की दिशा में यह राष्टीय शिक्षा नीति कारगर साबित होगी।
संघ का फार्मूला लगा है, तो भी अच्छा है
विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने कहा कि अभी तक शिक्षा को नौकरी के नजरिए से ही लिया जा रहा है, लेकिन अब समय बदल रहा है। उन्होंने कहा कि इस नीति में यदि संघ का फार्मूला भी लगा है, तो भी अच्छा है। सुरेंद्र शौरी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के लिए सरकार ने टास्क फोर्स बनाई है और इसने भी आगे कदम उठाए हैं।
PRAGATI MEDIA HIMACHAL
REPORTER RAJESH KUMAR
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