मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि अगर किसी विभाग में करुणामूलक नौकरियां देने का पांच प्रतिशत कोटा पूरा हो गया है तो अन्य विभागों में मौजूद रिक्तियों पर नौकरियां दी जाएंगी। जिस परिवार की स्थिति दयनीय है, ऐसे विशेष मामले कैबिनेट में ले जाएंगे। सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि पीडब्ल्यूूडी, जलशक्ति विभाग और शिक्षा विभाग में करुणामूलक नौकरियों के सबसे ज्यादा आवेदन लंबित हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को यह जानकारी प्रश्नकाल के दौरान सुजानपुर के कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा के सवाल के जवाब में दी।
इस पर सीएम जयराम ठाकुरने कहा कि सरकारी कर्मचारियों की मृत्यु होने पर उन्हें परिवार को चलाने के लिए कठिनाई का दौर आता है। ऐसे में क्लास थ्री और क्लास फोर की नौकरियां दी जाती हैं। पिछली सरकार में ऐसा नियम था कि 50 साल के बाद कोई परिवार पात्र ही नहीं होगा। इस बारे में सरकार ने बदलाव किए हैं। इस शर्त को खत्म कर इसे 58 साल किया है।
बहुत से लोग इसके कारण राहत भी महसूस कर रहे हैं। दूसरा यह भी बात कही है कि करुणामूलक नियुक्तियों में कोटे में विभागों में अधिकतम रिक्तियों के पांच फीसदी तक ही भर्ती हो सकती है। यह प्रक्रिया शुरू की गई। कुछ महकमे ऐसे हैं, जिनमें कर्मचारियों की संख्या ज्यादा है, जैसे लोक निर्माण, सिंचाई महकमा आदि हैं। वर्तमान सरकार ने एक जनवरी 2018 से 2020 तक 456 लोगों को रोजगार दिया गया है। इनमें 3413 मामले लंबित हैं। सरकार चाहती है कि मानवीय दृष्टि से ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले।
इस पर शिमला ग्रामीण के कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह ने अनुपूरक सवाल किया कि पांच प्रतिशत का कोटा निर्धारित है। अगर समय रहते हुए रोजगार नहीं मिलेगा तो यह समस्या है। कई लोगों को दस से पंद्रह साल हो गए हैं। दस-पंद्रह साल बाद जब नौकरी मिलेगी तो क्या परिस्थिति होगी, वह तो भगवान ही जानता है। इस बारे में एक मैकेनिज्म बनाए जाने की जरूरत है। इस पर जयराम ठाकुर ने कहा कि वह सीधी बात करते हैं, गोलमोल बात नहीं। सीएम बोले कि पिछले दो साल में सरकार ने 15315 रिकॉर्ड पद भरे हैं।
सीएम बोले, यह किए करुणामलक नौकरियों में बदलाव
- करुणामूलक नौकरियों के लिए अधिकतम आयु शर्त पहले 50 साल थी, अब 58 साल की।
- पहले सभी मामले वित्त विभाग के पास जाते थे, अब संबंधित प्रशासनिक विभागों में जाएंगे।
- पहले आवेदन से वरिष्ठता होती थी, अब वरिष्ठता मृत्यु से ली जाएगी।
- पहले सालाना आय डेढ़ लाख थी, यह ढाई लाख रुपये कर दी।
- पहले चतुर्थ श्रेणी और लिपिक पद पर ही रोजगार मिलता था तो अब जेओए आईटी के पद पर भी भर्ती होगी।
- आवेदन पहले मृत्यु से तीन साल के भीतर करना होता था, अब चार साल कर दिया। वयस्क होने से ही यह अवधि निर्धारित होगी।
PRAGATI MEDIA HIMACHAL
REPORTER RAJESH KUMAR
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