जौनपुर।
दिनभर हुए परेशान नहीं हो सकी जमीन की मनमाफिक पैमाइश।
मड़ियाहूं कस्बे की खैरूद्दीनगंज मुहल्ले में स्थित स्टेशन रोड पर बेशकीमती विवादित जमीन की पैमाइश रविवार को उपजिलाधिकारी मड़ियाहूं कौशलेश मिश्रा अपने देखरेख में कराया गया। जिसे एसडीएम मड़ियाहूं कौशलेश मिश्र द्वारा उच्च न्यायालय के द्वितीय अपील 925 सन् 1989 में मौके की यथास्थिति बनाए रखने के बावजूद दिनांक 23 अगस्त 2020 को नायब तहसीलदार संतोष कुमार सिंह, कानूनगो, व लेखपालो की टीम बनाकर पैमाइश कराई जा रही थी।
बताया जाता है कि मड़ियाहूं स्टेशन रोड पर करोड़ों की बेशकीमती जमीन स्थित है जिस पर मड़ियाहूं विधायक डा. लीना तिवारी के परिजन एवं ओम प्रकाश गुप्ता के बीच काफी दिनों से विवाद चला आ रहा है। जिसका सन 1989 में ओम प्रकाश गुप्ता के पिता घुरबिन साव के पक्ष में फैसला भी आ चुका है तथा उनका कहना है कि तब से वह उस जमीन पर काबिज हैं और उनके किराएदार गोमती वाले काबिज - दाखिल चले आ रहे थे , जिसकी द्वितीय अपील उच्च न्यायालय इलाहाबाद में दाखिल किया गया जो अभी भी विचाराधीन बताया जा रहा है। थोड़ा एक पखवारे पूर्व उपरोक्त जमीन पर आरोप है कि विधायक की तरफ से बुलडोजर चलाकर वहां रखे गए गोमटियों को हटाया जा रहा था, विवाद को देखते हुए प्रशासन ने बुल्डोजर रुकवा दिया था। रविवार को एसडीएम कौशलेस मिश्रा ने अपनी टीम के साथ 11:00 बजे पहुंचकर उपरोक्त जमीन को तीन तरफ से पैमाईश करवाई लेकिन भूमि की पैमाइश का कोई निष्कर्ष नहीं निकलने के कारण सभी अधिकारी वापस चले गए। और ओम प्रकाश गुप्ता के पुत्र आलोक गुप्ता का कहना है कि मैंने इसी प्रकार का कोई पैमाइश के लिए प्रार्थना पत्र नहीं दिया था और नहीं मुझे किसी प्रकार का कोई नोटिस प्राप्त हुआ है साथ ही उपरोक्त आराजी नंबर के अगल-बगल व अन्य सहखातेदारों को ही कोई नोटिस दी गई है । परंतु प्रशासन द्वारा पैमाइश कराई जा रही थी हम लोग उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लेख करके उप जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया गया उसकी सुनवाई न करके नाप कराई जा रही थी।
ओम प्रकाश गुप्ता के अधिवक्ता लालमोहन यादव ने बताया कि अधिकारी चारों तरफ घूमने के बाद कोई सेहद्दा न होने के कारण लगे हुए कर्मचारी न कर पाए और नाक का कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया । यह मड़ियाहूं नगरवासियों के लिए यक्ष प्रश्न बना हुआ हैं तथा लोगों की निगाहें उत्तर पाने के लिए उच्च न्यायालय को छोड़कर स्थानीय प्रशासन पर टिकी हुई है। के मामले का न्याय स्थानीय प्रशासन करेगी या माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन होगा।
संवाददाता
रवि कुमार केशरी
क्राइम रिपोर्टर
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