रामपुर बुशहर:- हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर की डॉक्टर आयुषी नेगी ने अपनी विलक्षण
प्रतिभा और कठिन परिश्रम से हिमाचल ही नहीं पुरे देश में पहचान बनाते
हुए किन्नौर ज़िले का नाम ऊंचा किया है। उन्होंने यह साबित कर दिया है
कि किन्नौर जैसे दूरदराज जनजातीय क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है
केवल दृढ़ निश्चय और कुशल मार्गदर्शन के साथ कुछ कर गुजरने की तमन्ना
हो तो किसी भी मुकाम को हासिल करने में अड़चने नहीं आती। डाक्टर आयुषी
नेगी ने आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली {एम्स} के स्नातकोत्तर
2020 ,एम डी / एम् एस की परीक्षा में अनुसूचित जनजाति वर्ग में पूरे
भारतवर्ष में चौथा स्थान हासिल किया है। यही नहीं उन्होंने स्नातकोत्तर
चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संसथान चंडीगढ़ पीजीआई एमईआर की एम डी /
एम एस की परीक्षा में भी पूरे भारतवर्ष में अनुसूचित जनजाति वर्ग में सातवां
स्थान हासिल कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। डॉ आयुषी नेगी मूल रूप
से किन्नौर जिला के पूह उपमंडल के सुन्नम गांव की रहने वाली है ,उनके
पिता दिनेश कुमार नेगी हाल ही में सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग से
अधीक्षण अभियंता के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं जबकि माता आशा नेगी
वर्तमान में बतौर हिंदी प्रवक्ता राजकीय उच्च विद्यालय झाकड़ी में सेवारत
है। डॉ आयुषी ने जमा दो की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल झाकड़ी से वर्ष
2014 में उत्तीर्ण की व उसी वर्ष एमबीबीएस नीट की परीक्षा में हिमाचल
प्रदेश में अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में चौथा स्थान प्राप्त कर किया
था। इसी साल ऑल इंडिया लेवल में भी एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए उनका चयन
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली में हुई। वहां से उन्होंने एमबीबीएस
की पढ़ाई दिसंबर 2019 में पूरी की है। डॉक्टर आयुषी एक कर्मठ और लक्ष्य
को हासिल करने के प्रति दृढ़ संकल्प रहती है, आयुषी अपनी सफलता का श्रेय
अपने माता-पिता व गुरुजनों को देती है। उनका कहना है कि जीवन का लक्ष्य
कुशल चिकित्सक बनकर आम जनमानस की निष्काम भाव से सेवा करना है। डॉ नेगी
ने अपने स्नातकोत्तर की पढ़ाई दिल्ली के एम्स से करने का निश्चय किया
है। उन्होंने प्रसूति और स्त्री रोग में दाखिला भी लिया है।डॉ आयुषी की इस उपलब्धि से किंन्नौर के लोगो मे खुशी है, और वह इस क्षेत्र के छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत भी है।
प्रगति मीडिया।
रिपोर्टर राजेश कुमार।
हिमाचल प्रदेश।
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