पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय के देहरादून स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने हिमाचल सरकार को कीरतपुर-नेेरचौक फोरलेन निर्माण तत्काल प्रभाव से बंद करने के आदेश जारी किए हैं। मंत्रालय ने रोड अलाइनमेंट और भूमि अधिग्रहण प्लान में किए बदलाव पर सरकार की ओर से कोई जवाब न मिलने पर यह कार्रवाई की है। मंत्रालय की ओर से साफ किया गया है कि सरकार को तीन बार इस संबंध में पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद मंत्रालय की ओर से उक्त आदेश जारी किए गए हैं। वहीं सरकार को यह भी आदेश जारी किए कि सरकार 30 दिनों के भीतर फोरलेन के अप्रूवड रोड अलाइनमेंट प्लान में हुए बदलाव की रिपोर्ट पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून को भेजे। उक्त जानकारी फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति को आरटीआई में मांगी गई सूचना के अनुसार दी गई है। उक्त सूचना देने की पुष्टि केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी डॉ. भारद्वाज आदिराजू ने की है। आदेश में तत्काल प्रभाव से राज्य सरकार को कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन सड़क निर्माण के काम को बंद करने के आदेश जारी किए हैं। उपरोक्त आदेशों के बाद भी सरकार अगर फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य जारी रखती है तो इसे वन संरक्षण अधिनियम 1980 का उल्लंघन माना जाएगा। जन सूचना अधिकारी ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि इससे पहले भी राज्य सरकार को तीन बार पत्र भेजे जा चुके हैं, लेकिन सरकार ने इस विषय को गंभीरता से नहीं लिया और कोई रिपोर्ट न मिलने पर अब मंत्रालय ने कड़ा संज्ञान लेते हुए हिमाचल सरकार को एक महीने के भीतर रिपोर्ट भेजने को कहा है। सरकार को रिपोर्ट में बताना होगा कि केंद्र की मंजूरी के बिना कहां-कहां उक्त रोड के अलाइनमेंट प्लान को बदला। इसके अलावा भूमि अधिग्रहण प्लान को सुपर इंपोज कर और पेड़ों के अवैध कटान, अवैध मक डंपिंग आदि की पूरी रिपोर्ट सरकार से मांगी गई है।
सड़क निर्माण कंपनी पर मंत्रालय के निर्देशों की अवहेलना का आरोप लगाया है। इधर फोरलेन विस्थापित एवं प्रभावित समिति के उपप्रधान अशोक कुमार, चिंता देवी, बलदेव, जगतराम, सीता राम, रतन लाल, महासचिव पूर्व सैनिक मदनलाल शर्मा ने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण कंपनी मंत्रालय के इन निर्देशों की सरेआम अवहेलना कर रही है। इसकी अब सारी मौका रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाएगी और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
प्रगति मीडिया।
रिपोर्टर राजेश कुमार।
हिमाचल प्रदेश।
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