कांगड़ा:- नगरोटा सुरिया कॉलेज के नए नवेले भवन की सुरक्षा दीवार पर मीडिया के एक वर्ग द्वारा झूठ व भ्रामक प्रचार पर कॉलेज प्राचार्य डॉक्टर अश्वनी कुमार पटेल ने आपत्ति की हैl उन्होंने कहा है कि कॉलेज के अनुरोध पर लोक निर्माण विभाग वन विभाग द्वारा प्रदत्त भूमि में कानूनन व नियमानुसार दीवार का निर्माण कर रहा है ,किसी की निजी भूमि में नहींl कुछ लाभार्थी जो ग्रामीणों के नाम पर जनता व प्रशासन को गुमराह कर रहे हैं उनमें दो पिता पुत्र व दो भू क्रेता और विक्रेता है। उसमें कोई भी ग्रामवासी शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि दीवार का निर्माण पी.टी.ए. सी.एस.सी.ए. व कॉलेज काउंसिल की अनुशंसा के अनुरूप उस भूमि में किया जा रहा है जिसे एफ. आर. ए. के तहत कॉलेज को वन विभाग ने उपलब्ध करवाया हैl उन्होंने कहा कि तथाकथित लाभार्थियों ने जब भूमि खरीदकर दुकानों का निर्माण किया था तब उन्होंने न केवल अपनी दुकानों के लिए रास्ता छोड़ा, उल्टे अपनी दुकानों का प्रांगण कॉलेज के रास्ते को बना
लिया। कॉलेज ने हजारों रुपए खर्च करके वन विभाग से रास्ते के लिए भूमि ली है, फिर कॉलेज दूसरों को रास्ता क्यों दे। वन विभाग ने जमीन बच्चों के हित के लिए उपलब्ध कराई है न कि व्यवसायिक गतिविधियों के लिए। कॉलेज उस जमीन में दीवार बनाए या कुछऔर , दूसरे को आपत्ती क्यों, जब तथाकथित लाभार्थी अपनी दुकानें बना रहा था तो कॉलेज प्रशासन ने कोई बाधा नहीं डाली फिर दूसरे पक्ष को कॉलेज के निर्माण पर आपत्ति क्यों हो रही है उन्हें अपनी लड़ाई अपनी जमीन के लिए लड़नी चाहिए ना की कॉलेज की जमीन के लिए l उन्होंने आगे कहा कि इसमें कॉलेज का उनसे कोई लेना देना नहीं हैl प्राचार्य ने यह भी स्पष्ट किया कि कॉलेज प्रशासन ने लिंक मार्ग से कॉलेज की एंट्रेंस तक 45 मीटर दीवार बनाने का निर्णय लड़कियों की सुरक्षा की दृष्टि से लिया है क्योंकि रास्ते के एक ओर गहरी खाई है और दूसरी ओर तथाकथित लाभार्थियों ने कॉलेज के बस योग्य रास्ते को अपनी दुकानों का प्रांगण बना लिया हैl जब रास्ते में गाड़ियां, स्कूटर आदि खड़े होंगे तो बच्चों का आना-जाना मुश्किल हो जाएगा और यह कालेज के प्रशासन के लिए स्थाई समस्या बन जाएगी। दुकानों के माध्यम से अवांछित व असामाजिक तत्वों का कॉलेज परिसर में घुसपैठ प्रशासन के लिए सिरदर्द बनी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्टाफ काउंसिल, पी.टी.ए. व केंद्रीय छात्र परिषद की सलाह पर ही दोनों ओर दीवार लगाने का अनुरोध किया है क्योंकि एक ओर खाई होने के कारण विद्यार्थियों के विभिन्न ग्रुपों की संभावित धक्का-मुक्की व गरमा गरमी में बच्चों के गिरने की संभावना बनी रहेगी जिसमें लोक निर्माण विभाग ने ढलान होने की वजह से पैराफिट लगाए थे जो कि उपयुक्त नहीं ह थे l इसलिए एप्रोच रोड को पूर्ण सुरक्षित करने हेतु दोनों और दीवार लगाने की लोक निर्माण विभाग से मांग की थी। इसलिए लोक निर्माण विभाग अब कॉलेज की मांग के अनुरूूप वहां टेंपरेरी पैराफिट को हटा कर दीवार का निर्माण कर रहा है। टेंपरेरी पैराफिट को हटबा कर उनका उपयोग सीमेंट के चबूतरों के रूप में कॉलेज प्रशासन ने बच्चों के बैठने हेतु बेंच सुविधा के रूप में करवाया है। उन्होंने आम जनता को आगाह किया है कि कॉलेज प्रशासन बच्चों के हित के लिए दीवार का निर्माण कर रहा है ना कि किसी को तंग करने के लिए इसलिए आम जनता को भ्रामक प्रचार में विश्वास नहींं करना है।
प्रगति मीडिया हिमाचल।
राजेश कुमार।
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