*चीन ने भारत को दी खुली धमकी- अमेरिका के साथ चल रहे विवाद से दूर रहो नहीं तो भारी नुकसान झेलना पड़ेगा*
चीन और भारत के बीच संबंधों में तनाव लगातार बना हुआ है. इसी क्रम में रविवार को चीन ने भारत को खुली धमकी देते हुए कहा कि उसे चीन-अमेरिका विवाद से दूर रहना चाहिए. चीन ने भारत को 'सतर्क' रहने की सलाह देते हुए कहा कि इसमें दखल देने से आपका काफी बड़ा नुकसान हो सकता है. जानकारों के मुताबिक, चीन और अमेरिका में कोरोना संक्रमण के बाद से शुरू हुआ ये विवाद दुनिया को 'नए कोल्ड वॉर' की तरफ धकेल सकता है.
चीनी सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एक लेख के मुताबिक, चीन ने कहा कि कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो भारत सरकार को इस 'कोल्ड वार' में एक पक्ष के समर्थन में खड़ा होने के लिए कह रही हैं, जिससे इस स्थिति का वे लोग भी फायदा उठा सकें. ऐसी शक्तियां भारतीय सरकार के आधिकारिक स्टैंड से संबंध नहीं रखती हैं और चीन के बारे में गलत सूचनाएं और अफवाह फैला रही हैं. अगर स्पष्ट कहा जाए तो चीन-अमेरिका विवाद में भारत का फायदा बेहद कम, लेकिन नुकसान काफी बड़ा हो सकता है. इसी के चलते मोदी सरकार इस कठिन परिस्थिति के साथ काफी समझदारी के साथ निपट रही है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता करने का ऑफर दे चुके हैं, हालांकि दोनों ही देशों ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है.
चीन ने इसके साथ ही कहा, आगे एक नया कोल्ड वॉर शुरू होता है और भारत अमेरिका के पक्ष में जाने का तय करता है तो ये चीन और उसके व्यापारिक रिश्तों के लिए काफी घातक साबित हो सकता है. अगर भारत अमेरिका का मोहरा बनना चुनता है तो इन दोनों पड़ोसी देशों के ट्रेड रिलेशन ख़त्म हो जाएंगे जिससे भारत की अर्थव्यवस्था जो अभी काफी झटके झेल रही है, पर काफी बुरा असर पड़ सकता है. इस समय अर्थव्यवस्था के बर्बाद होने से बुरा भारत के लिए कुछ नहीं हो सकता. हम भारत को एक बार फिर सलाह देते हैं कि वह चीन के साथ अपने रिश्तों के बारे में स्पष्टता और गंभीरता से सोचे और आंतरिक राष्ट्रवाद की भावना के चक्कर में पड़े.
उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल कहा कि मौजूदा सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही है तथा उन्हें उम्मीद है कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा. इसके साथ ही पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी में, शाह ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे कदमों का उचित जवाब दिया जाएगा. उन्होंने एक निजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, 'अभी कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर संवाद चल रहे हैं और मुझे विश्वास है कि यह मुद्दा हल हो जाएगा.'
गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को कमजोर नहीं होने देगी और देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगी. 'इस संबंध में किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए.' सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों के बारे में पूछे जाने पर, शाह ने कहा कि भारत ने कभी भी विस्तारवादी नीति नहीं अपनायी है लेकिन वह अपनी सीमाओं पर किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा. शाह ने कहा, 'अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे. यह हमारा कर्तव्य और जिम्मेदारी है.'
चीन और भारत के बीच संबंधों में तनाव लगातार बना हुआ है. इसी क्रम में रविवार को चीन ने भारत को खुली धमकी देते हुए कहा कि उसे चीन-अमेरिका विवाद से दूर रहना चाहिए. चीन ने भारत को 'सतर्क' रहने की सलाह देते हुए कहा कि इसमें दखल देने से आपका काफी बड़ा नुकसान हो सकता है. जानकारों के मुताबिक, चीन और अमेरिका में कोरोना संक्रमण के बाद से शुरू हुआ ये विवाद दुनिया को 'नए कोल्ड वॉर' की तरफ धकेल सकता है.
चीनी सरकारी मीडिया 'ग्लोबल टाइम्स' में छपे एक लेख के मुताबिक, चीन ने कहा कि कुछ ऐसी शक्तियां हैं जो भारत सरकार को इस 'कोल्ड वार' में एक पक्ष के समर्थन में खड़ा होने के लिए कह रही हैं, जिससे इस स्थिति का वे लोग भी फायदा उठा सकें. ऐसी शक्तियां भारतीय सरकार के आधिकारिक स्टैंड से संबंध नहीं रखती हैं और चीन के बारे में गलत सूचनाएं और अफवाह फैला रही हैं. अगर स्पष्ट कहा जाए तो चीन-अमेरिका विवाद में भारत का फायदा बेहद कम, लेकिन नुकसान काफी बड़ा हो सकता है. इसी के चलते मोदी सरकार इस कठिन परिस्थिति के साथ काफी समझदारी के साथ निपट रही है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी भारत-चीन सीमा विवाद में मध्यस्थता करने का ऑफर दे चुके हैं, हालांकि दोनों ही देशों ने इस ऑफर को ठुकरा दिया है.
चीन ने इसके साथ ही कहा, आगे एक नया कोल्ड वॉर शुरू होता है और भारत अमेरिका के पक्ष में जाने का तय करता है तो ये चीन और उसके व्यापारिक रिश्तों के लिए काफी घातक साबित हो सकता है. अगर भारत अमेरिका का मोहरा बनना चुनता है तो इन दोनों पड़ोसी देशों के ट्रेड रिलेशन ख़त्म हो जाएंगे जिससे भारत की अर्थव्यवस्था जो अभी काफी झटके झेल रही है, पर काफी बुरा असर पड़ सकता है. इस समय अर्थव्यवस्था के बर्बाद होने से बुरा भारत के लिए कुछ नहीं हो सकता. हम भारत को एक बार फिर सलाह देते हैं कि वह चीन के साथ अपने रिश्तों के बारे में स्पष्टता और गंभीरता से सोचे और आंतरिक राष्ट्रवाद की भावना के चक्कर में पड़े.
उधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल कहा कि मौजूदा सीमा विवाद को लेकर चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही है तथा उन्हें उम्मीद है कि इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा. इसके साथ ही पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी में, शाह ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं पर किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा और ऐसे कदमों का उचित जवाब दिया जाएगा. उन्होंने एक निजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, 'अभी कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर संवाद चल रहे हैं और मुझे विश्वास है कि यह मुद्दा हल हो जाएगा.'
गृह मंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को कमजोर नहीं होने देगी और देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगी. 'इस संबंध में किसी को भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए.' सीमा पर पाकिस्तान की हरकतों के बारे में पूछे जाने पर, शाह ने कहा कि भारत ने कभी भी विस्तारवादी नीति नहीं अपनायी है लेकिन वह अपनी सीमाओं पर किसी भी उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं करेगा. शाह ने कहा, 'अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है, तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे. यह हमारा कर्तव्य और जिम्मेदारी है.'
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