हिमाचल प्रदेश के निजी वाहनों ने रखी मांग उनकी मांगे पूरी हो अन्यथा नहीं चलेंगे बसें।
हिमाचल प्रदेश में पहली जून से बसें चलाने के सरकार के निर्णय को निजी बस ऑपरेटरों ने मानने से इंकार कर दिया है। यानी निजी बस ऑपरेटर पहली जून से बसें नहीं चलाएंगे। इस बाबत आज निजी बस ऑपरेटर संघ की एक बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर प्रतिशत क्षमतामें बसे चलाना मुमकिन नहीं है। क्योंकि सरकार ने इसके एवज में निजी बस ऑपरेटर को कोई राहत देने की घोषणा नहीं की है, जिस कारण निजी बस ऑपरेटर अपनी बसें चलाने में असमर्थ है। याद रहे कि जयराम सरकार ने शनिवार को कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया है कि पहली जून से प्रदेशभर में 60 प्रतिशत क्षमता के साथ एचआरटीसी व निजी बसें चलनी शुरू होंगी।
निजी बस ऑपरेटर यूनियन का कहना है कि प्रदेश सरकार एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर को अलग-अलग पहलू में तोल रही है। जबकि एचआरटीसी भी एक ऑपरेटर है और निजी बस ऑपरेटर भी एक ऑपरेटर, इसलिए सरकार को चाहिए कि दोनों के साथ सामान व्यवहार करें। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि जब तक सरकार प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों को बातचीत के लिए नहीं बुलाएगी, तब तक कोई भी निजी बस नहीं चलेगी। हिमाचल प्रदेश में कुछ निजी बस ऑपरेटर ऐसे भी हैं, जिनके मात्र रोजी रोटी का साधन ही बसें है जब 60 प्रतिशत क्षमता में बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है तो वह निजी बस ऑपरेटर बिल्कुल ही कंगाल हो जाएगा, जिसका परिवार मात्र बस से चल रहा हो।
इसलिए इस व्यापार को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को चाहिए कि वह बैंक से बिना ब्याज एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएं या कोई सरकारी राहत निजी बस ऑपरेटरों को दे। निजी बस ऑपरेटरों ने एकमत से किराये में बढ़ोतरी की मांग भी की। बैठक में सिरमौर जिला के प्रधान मामराज शर्मा, शिमला सिटी निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव सुनील चौहान अमित चड्ढा कुल्लू के भूपेश नंदन, चंदन करीर, वीरेंद्र कंवर, रामपुर से कुलवीर सिंह गिल, शिमला से अनिल वर्मा, चम्बा से नरेश महाजन और रवि महाजन ऊना से दिनेश सैनी, कांगड़ा से अजय परिहार, अखिल सूद, बिलासपुर से अनिल मिंटू सहित लगभग 150 निजी बस ऑपरेटर ने भाग लिया।
प्रगति मीडिया
रिपोर्टर राजेश कुमार
हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में पहली जून से बसें चलाने के सरकार के निर्णय को निजी बस ऑपरेटरों ने मानने से इंकार कर दिया है। यानी निजी बस ऑपरेटर पहली जून से बसें नहीं चलाएंगे। इस बाबत आज निजी बस ऑपरेटर संघ की एक बैठक वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रदेश अध्यक्ष राजेश पराशर प्रतिशत क्षमतामें बसे चलाना मुमकिन नहीं है। क्योंकि सरकार ने इसके एवज में निजी बस ऑपरेटर को कोई राहत देने की घोषणा नहीं की है, जिस कारण निजी बस ऑपरेटर अपनी बसें चलाने में असमर्थ है। याद रहे कि जयराम सरकार ने शनिवार को कैबिनेट की बैठक में ये निर्णय लिया है कि पहली जून से प्रदेशभर में 60 प्रतिशत क्षमता के साथ एचआरटीसी व निजी बसें चलनी शुरू होंगी।
निजी बस ऑपरेटर यूनियन का कहना है कि प्रदेश सरकार एचआरटीसी और निजी बस ऑपरेटर को अलग-अलग पहलू में तोल रही है। जबकि एचआरटीसी भी एक ऑपरेटर है और निजी बस ऑपरेटर भी एक ऑपरेटर, इसलिए सरकार को चाहिए कि दोनों के साथ सामान व्यवहार करें। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि जब तक सरकार प्रदेश के निजी बस ऑपरेटरों को बातचीत के लिए नहीं बुलाएगी, तब तक कोई भी निजी बस नहीं चलेगी। हिमाचल प्रदेश में कुछ निजी बस ऑपरेटर ऐसे भी हैं, जिनके मात्र रोजी रोटी का साधन ही बसें है जब 60 प्रतिशत क्षमता में बसें चलाने की योजना बनाई जा रही है तो वह निजी बस ऑपरेटर बिल्कुल ही कंगाल हो जाएगा, जिसका परिवार मात्र बस से चल रहा हो।
इसलिए इस व्यापार को पुनर्जीवित करने के लिए सरकार को चाहिए कि वह बैंक से बिना ब्याज एवं कम ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराएं या कोई सरकारी राहत निजी बस ऑपरेटरों को दे। निजी बस ऑपरेटरों ने एकमत से किराये में बढ़ोतरी की मांग भी की। बैठक में सिरमौर जिला के प्रधान मामराज शर्मा, शिमला सिटी निजी बस ऑपरेटर यूनियन के महासचिव सुनील चौहान अमित चड्ढा कुल्लू के भूपेश नंदन, चंदन करीर, वीरेंद्र कंवर, रामपुर से कुलवीर सिंह गिल, शिमला से अनिल वर्मा, चम्बा से नरेश महाजन और रवि महाजन ऊना से दिनेश सैनी, कांगड़ा से अजय परिहार, अखिल सूद, बिलासपुर से अनिल मिंटू सहित लगभग 150 निजी बस ऑपरेटर ने भाग लिया।
प्रगति मीडिया
रिपोर्टर राजेश कुमार
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