करणी सेना हिमाचल प्रदेश ने प्रदेश सरकार पर उठाए सवाल।
प्रदेश अध्यक्ष पीयूष चन्देल ने मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग के इस घोटाले की CBI या सिटिंग जज द्वारा जांच होनी चाहिए।
एक ओर जहां सपूर्ण विश्व कोरोना जैसी सर्वव्यापी महामारी के संकट से गुजर रहा है ,तो दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी घोटाले करने में व्यस्त है। करणी सेना हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष पीयूष चन्देल ने सोशल मीडिया में फेसबुक के माध्यम से प्रदेश की जयराम सरकार पर कड़ा प्रहार किया है तथा इस घोटाले में लिप्त सभी अधिकारियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जांच के लिए सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई जानी अत्यंत आवश्यक है ताकि जनता द्वारा दिये गए कोविड फंड घोटाले में सचाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि ऐसे समय मे इस घोटाले ने हिमाचल की छवि को पुरी तरह से खराब किया है और जहां लोग इतनी महामारी में भी आर्थिक तंगी के कारण मुख्यमंत्री राहत कोष या कोविड फंड में भरपूर योगदान दे रहे है, खुद की परवाह किये बिना क्षेत्र की जनता एव कोरोना पीडितों को मदद पहुँचे इस मंशा से सरकार की खुलकर मदद कर रहे थे वहीं प्रदेश के सवास्थ्य विभाग जोकि वर्तमान में माननीय मुख्यमंत्री साहब के अधीन है उसी विभाग के निदेशक साहब डॉ० अजय गुप्ता इसी फंड की हेराफेरी करते हुए पाए गए और विजिलेंस द्धारा गिरफ्तार भी किये जा चुके हैं। ऐसी कोरोना महामारी में भरस्टाचार कर रहे बड़े नेताओं को बिल्कुल भी शर्म नहीं है कि जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
हाल ही में बिलासपुर में भी सस्ती PP किट एव कोविड रेपिड टेस्ट कीटों की गुणवत्ता पर कई सवाल उठये जा चुके हैं तथा अब तो इस घोटाले के तार किसी बड़े भाजपा नेता के साथ जुड़ते नज़र आ रहे है। प्रदेश सरकार सार्वजनिक करें कि आखिर इस वायरल ऑडियो में कौन से बड़े नेता का व्यक्ति सौदेबाजी कर रहा था और पांच लाख की घूस का सच क्या है। बड़े नेता में साथ अटैच तीन कर्मचारियों को क्यों ड्राप कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री जवाब दे कि हाल ही में सरकार के दो बड़े नेताओं के DO नोट में इसी स्वास्थ्य निदेशक की रेटिरमेंट की एक्सटेंशन के लिए सिफारिश की जा चुकी है ।
पीयूष चन्देल ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की नाकामी सबके सामने आ चुकी है, माननीय मुख्यमंत्री महोदय की अधिकारियों पर कोई जकड़ और पकड़ नहीं रही है । जब ऐसे संकट काल मे स्वास्थ्य विभाग ही सुरक्षित नहीं है तो जो ख़रीदारी इस विभाग के आला अधिकारियों ने कोविड 19 के लिए पूर्व में की है वह भी जांच के घेरे में है।
उन्होंने कहा कि जनता द्वारा दान किये गए कोविड फंड में खुलेआम हेराफेरी हो रही है। प्रदेश में भरस्टाचार इस कदर हावी हो चुका है कि प्रदेश की हर गली के बच्चे बच्चे की जुबान पर यही बात है कि हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग चोर है और कोरोना घोटाला किया गया है।
शर्म आनी चाहिए प्रदेश की भाजपा सरकार को, यह मामला बहुत गम्भीर है इसमें ओर बड़े नामचीन लोगों के पाए जाने की आशंका है इसलिए अब सरकार को फंड की जानकारी जनता को देनी होगी क्यूँकि यह मामला मुख्यमंत्री के विभाग का है इसलिए करणी सेना हिमाचल प्रदेश इस मामले की जाँच CBI या हाई कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में होने की माँग करती है।
प्रगति हिमाचल टीवी
रिपोर्टर राजेश कुमार
प्रदेश अध्यक्ष पीयूष चन्देल ने मांग की है कि स्वास्थ्य विभाग के इस घोटाले की CBI या सिटिंग जज द्वारा जांच होनी चाहिए।
एक ओर जहां सपूर्ण विश्व कोरोना जैसी सर्वव्यापी महामारी के संकट से गुजर रहा है ,तो दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी घोटाले करने में व्यस्त है। करणी सेना हिमाचल के प्रदेश अध्यक्ष पीयूष चन्देल ने सोशल मीडिया में फेसबुक के माध्यम से प्रदेश की जयराम सरकार पर कड़ा प्रहार किया है तथा इस घोटाले में लिप्त सभी अधिकारियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जांच के लिए सीबीआई या हाई कोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई जानी अत्यंत आवश्यक है ताकि जनता द्वारा दिये गए कोविड फंड घोटाले में सचाई सामने आ सके। उन्होंने कहा कि ऐसे समय मे इस घोटाले ने हिमाचल की छवि को पुरी तरह से खराब किया है और जहां लोग इतनी महामारी में भी आर्थिक तंगी के कारण मुख्यमंत्री राहत कोष या कोविड फंड में भरपूर योगदान दे रहे है, खुद की परवाह किये बिना क्षेत्र की जनता एव कोरोना पीडितों को मदद पहुँचे इस मंशा से सरकार की खुलकर मदद कर रहे थे वहीं प्रदेश के सवास्थ्य विभाग जोकि वर्तमान में माननीय मुख्यमंत्री साहब के अधीन है उसी विभाग के निदेशक साहब डॉ० अजय गुप्ता इसी फंड की हेराफेरी करते हुए पाए गए और विजिलेंस द्धारा गिरफ्तार भी किये जा चुके हैं। ऐसी कोरोना महामारी में भरस्टाचार कर रहे बड़े नेताओं को बिल्कुल भी शर्म नहीं है कि जनता पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।
हाल ही में बिलासपुर में भी सस्ती PP किट एव कोविड रेपिड टेस्ट कीटों की गुणवत्ता पर कई सवाल उठये जा चुके हैं तथा अब तो इस घोटाले के तार किसी बड़े भाजपा नेता के साथ जुड़ते नज़र आ रहे है। प्रदेश सरकार सार्वजनिक करें कि आखिर इस वायरल ऑडियो में कौन से बड़े नेता का व्यक्ति सौदेबाजी कर रहा था और पांच लाख की घूस का सच क्या है। बड़े नेता में साथ अटैच तीन कर्मचारियों को क्यों ड्राप कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री जवाब दे कि हाल ही में सरकार के दो बड़े नेताओं के DO नोट में इसी स्वास्थ्य निदेशक की रेटिरमेंट की एक्सटेंशन के लिए सिफारिश की जा चुकी है ।
पीयूष चन्देल ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार की नाकामी सबके सामने आ चुकी है, माननीय मुख्यमंत्री महोदय की अधिकारियों पर कोई जकड़ और पकड़ नहीं रही है । जब ऐसे संकट काल मे स्वास्थ्य विभाग ही सुरक्षित नहीं है तो जो ख़रीदारी इस विभाग के आला अधिकारियों ने कोविड 19 के लिए पूर्व में की है वह भी जांच के घेरे में है।
उन्होंने कहा कि जनता द्वारा दान किये गए कोविड फंड में खुलेआम हेराफेरी हो रही है। प्रदेश में भरस्टाचार इस कदर हावी हो चुका है कि प्रदेश की हर गली के बच्चे बच्चे की जुबान पर यही बात है कि हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग चोर है और कोरोना घोटाला किया गया है।
शर्म आनी चाहिए प्रदेश की भाजपा सरकार को, यह मामला बहुत गम्भीर है इसमें ओर बड़े नामचीन लोगों के पाए जाने की आशंका है इसलिए अब सरकार को फंड की जानकारी जनता को देनी होगी क्यूँकि यह मामला मुख्यमंत्री के विभाग का है इसलिए करणी सेना हिमाचल प्रदेश इस मामले की जाँच CBI या हाई कोर्ट के सिटिंग जज की देखरेख में होने की माँग करती है।
प्रगति हिमाचल टीवी
रिपोर्टर राजेश कुमार
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