ऑनलाइन कक्षाओं के लिए कुछ आवश्यक निर्देश
1 संबंधित विषय अध्यापकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी किसी भी साधारण फोन से मिस्ड कॉल देंगे, जिसका प्रत्युत्तर तत्काल शिक्षक द्वारा दिया जाएगा। ऐसे में लंबी अवधि तक बातचीत के लिए छात्र को कोई भी व्यय नहीं करना पड़ेगा।
2 ऑनलाइन मार्गदर्शन के लिए विद्यालय के शिक्षक प्रातः 8:00 बजे से लेकर रात्रि के 8:00 बजे तक टेलीफोन लाइन पर सुविधानुसार उपलब्ध रहेंगे।ऐसा ग्रामीण क्षेत्र के उन विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखकर निर्णय लिया गया है जो पढ़ाई के साथ-साथ कृषि कार्य से भी जुड़े हुए हैं।
3 प्रत्येक कक्षा के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहा है, जिसमें सभी संबंधित अध्यापक भी जुड़े रहेंगे। कोई भी विद्यार्थी गणित और विज्ञान का प्रश्न लिखित रूप में पूछ सकता है, जिसका हल पीडीएफ फाइल के माध्यम से संबंधित अध्यापक व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराएंगे।
4 गांव में रहने वाले बच्चों के लिए 10 -10 बच्चों का एक समूह बनाया जाएगा, जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक निर्धारित स्थान पर एकत्रित होंगे, जिनको एक ही एंड्रॉयड फोन के माध्यम से वीडियो कॉलिंग द्वारा संबंधित विषय अध्यापक मार्गदर्शन करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के पास लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर अथवा एंड्रॉयड फोन की अनुपलब्धता को ध्यान में रखते हुए ऐसा निर्णय लिया जाना आवश्यक है।
5 सभी विषय अध्यापक अपने विषय से संबंधित 15 से 20 मिनट का वीडियो लेक्चर तैयार करेंगे तथा उसे यूट्यूब पर अपलोड कर उसका लिंक उन विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएंगे जो एंड्राइड फोन, लैपटॉप अथवा पर्सनल कंप्यूटर इस्तेमाल करते हैं।
6 सभी अध्यापकों को यह संकल्प लेना है कि वह कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से प्रभावित अपने ग्रामीण विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर चिंतित है और सीमित संसाधनों में अधिकतम विद्यार्थियों तक अपनी पहुंच बनाकर उनके बेहतर भविष्य के लिए पूरी तरह समर्पित होकर कार्य करेंगे।
7 विद्यालय के समस्त अध्यापक पूरे सप्ताह के ऑनलाइन क्लासेज की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराएंगे।इस मध्य आने वाली तकनीकी अथवा किसी अन्य समस्या पर भी अपने सहयोगी शिक्षकों सहित अधोहस्ताक्षरी से विचार विमर्श करेंगे।
आज्ञा से
* दुर्गेश कुमार सिंह*
*प्रधानाचार्य*
*मालती विद्या पीठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरौली फतेहपुर*
1 संबंधित विषय अध्यापकों से मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी किसी भी साधारण फोन से मिस्ड कॉल देंगे, जिसका प्रत्युत्तर तत्काल शिक्षक द्वारा दिया जाएगा। ऐसे में लंबी अवधि तक बातचीत के लिए छात्र को कोई भी व्यय नहीं करना पड़ेगा।
2 ऑनलाइन मार्गदर्शन के लिए विद्यालय के शिक्षक प्रातः 8:00 बजे से लेकर रात्रि के 8:00 बजे तक टेलीफोन लाइन पर सुविधानुसार उपलब्ध रहेंगे।ऐसा ग्रामीण क्षेत्र के उन विद्यार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखकर निर्णय लिया गया है जो पढ़ाई के साथ-साथ कृषि कार्य से भी जुड़े हुए हैं।
3 प्रत्येक कक्षा के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहा है, जिसमें सभी संबंधित अध्यापक भी जुड़े रहेंगे। कोई भी विद्यार्थी गणित और विज्ञान का प्रश्न लिखित रूप में पूछ सकता है, जिसका हल पीडीएफ फाइल के माध्यम से संबंधित अध्यापक व्हाट्सएप पर उपलब्ध कराएंगे।
4 गांव में रहने वाले बच्चों के लिए 10 -10 बच्चों का एक समूह बनाया जाएगा, जो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए एक निर्धारित स्थान पर एकत्रित होंगे, जिनको एक ही एंड्रॉयड फोन के माध्यम से वीडियो कॉलिंग द्वारा संबंधित विषय अध्यापक मार्गदर्शन करेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के पास लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर अथवा एंड्रॉयड फोन की अनुपलब्धता को ध्यान में रखते हुए ऐसा निर्णय लिया जाना आवश्यक है।
5 सभी विषय अध्यापक अपने विषय से संबंधित 15 से 20 मिनट का वीडियो लेक्चर तैयार करेंगे तथा उसे यूट्यूब पर अपलोड कर उसका लिंक उन विद्यार्थियों को उपलब्ध कराएंगे जो एंड्राइड फोन, लैपटॉप अथवा पर्सनल कंप्यूटर इस्तेमाल करते हैं।
6 सभी अध्यापकों को यह संकल्प लेना है कि वह कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से प्रभावित अपने ग्रामीण विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर चिंतित है और सीमित संसाधनों में अधिकतम विद्यार्थियों तक अपनी पहुंच बनाकर उनके बेहतर भविष्य के लिए पूरी तरह समर्पित होकर कार्य करेंगे।
7 विद्यालय के समस्त अध्यापक पूरे सप्ताह के ऑनलाइन क्लासेज की रिपोर्ट अनिवार्य रूप से अधोहस्ताक्षरी को उपलब्ध कराएंगे।इस मध्य आने वाली तकनीकी अथवा किसी अन्य समस्या पर भी अपने सहयोगी शिक्षकों सहित अधोहस्ताक्षरी से विचार विमर्श करेंगे।
आज्ञा से
* दुर्गेश कुमार सिंह*
*प्रधानाचार्य*
*मालती विद्या पीठ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरौली फतेहपुर*
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