आशीष रावत मध्यप्रदेश-
मौसम विभाग ने शुक्रवार को ही प्रदेश के मौसम में एकाएक बदलाव के साथ गरज-चमक, बारिश और ओले गिरने की चेतावनी जारी की थी।
रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, बैतूल, हरदा, बारिश के साथ काई जगह ओले गिरे हैं। इन सभी जिलों में खरीफ की फसल को नुकसान होने की आशंका है। कई जिलों में अभी रुकरुक कर बारिश हो रही है।
भारत सहित पूरा विश्व इन दिनों कोरोना वायरस की वैश्विक बीमारी से पीड़ित और परेशान है, वहीं दूसरी ओर किसानों की रीढ़ मानी जाने वाली उनकी मुख्य गेहूं की फसलों पर संकट के बादल छा गए हैं। बारिश से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। पीड़ित किसानों का कहना है कि इस वर्ष खरीफ की फसल भी अत्यधिक बारिश के चलते बर्बाद हो गई थी, वहीं दूसरी ओर रबी की फसल गेहूं और चने से काफी उम्मीदें बंधी थी। खेतों में फसलें तैयार हो गई थी बालियां पक कर तैयार थी सिर्फ फसल काटने की देर थी। लेकिन वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में टोटल लाक डाउन है। मजदूर मिल नहीं रहे, थ्रेसर, हार्वेस्टर उपलब्ध नहीं हो रहे है । आंधी और तूफान के साथ हुई बारिश से गेहूं की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई ।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को ही प्रदेश के मौसम में एकाएक बदलाव के साथ गरज-चमक, बारिश और ओले गिरने की चेतावनी जारी की थी।
भारत सहित पूरा विश्व इन दिनों कोरोना वायरस की वैश्विक बीमारी से पीड़ित और परेशान है, वहीं दूसरी ओर किसानों की रीढ़ मानी जाने वाली उनकी मुख्य गेहूं की फसलों पर संकट के बादल छा गए हैं। बारिश से किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। पीड़ित किसानों का कहना है कि इस वर्ष खरीफ की फसल भी अत्यधिक बारिश के चलते बर्बाद हो गई थी, वहीं दूसरी ओर रबी की फसल गेहूं और चने से काफी उम्मीदें बंधी थी। खेतों में फसलें तैयार हो गई थी बालियां पक कर तैयार थी सिर्फ फसल काटने की देर थी। लेकिन वर्तमान में कोरोना वायरस के चलते शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में टोटल लाक डाउन है। मजदूर मिल नहीं रहे, थ्रेसर, हार्वेस्टर उपलब्ध नहीं हो रहे है । आंधी और तूफान के साथ हुई बारिश से गेहूं की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई ।
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