आशीष रावत - मध्यप्रदेश में अब 5 साल तक की सजा वाले कैदियों काे जेल से बाहर आने का रास्ता आसान हाे गया। इन्हें अब 45 दिन की पैरोल मिल सकेगी। सुप्रीम काेर्ट के आदेश के चलते अब राज्य सरकार ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण और जेल प्रशासन काे इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। काेराेना संक्रमण से लाेगाें के बचाव के लिए सुप्रीम काेर्ट ने यह आदेश दिया है।
जबलपुर हाइकाेर्ट के जस्टिस संजय यादव, अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह निर्देश दिए। गौरतलब है कि प्रदेश की जेलों में करीब 12 हजार कैदी 5 साल तक की सजा वाले हैं। जेल मुख्यालय की और से जारी आदेश में बताया गया है कि 5 साल तक की सजा वाले आपराधिक मामलाें में जेल के बंदियाें की ओर से अर्जी अदालत में पेश करना हाेगी। इसके बाद अदालत मामले की सुनवाई कर यह तय करेगी कि 45 दिन की पैराेल देना है अथवा नहीं। इसके अलावा जिन बंदियाें की उम्र 65 साल हाे चुकी है एवं गंभीर बीमारियाें से पीड़ित हैं, उन्हें भी पैराेल का लाभ मिलेगा। जेल में बंद 50 साल तक की महिलाओं काे भी पैराेल पर छाेड़े जाने का आदेश दिया गया है।
जबलपुर हाइकाेर्ट के जस्टिस संजय यादव, अध्यक्ष राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह निर्देश दिए। गौरतलब है कि प्रदेश की जेलों में करीब 12 हजार कैदी 5 साल तक की सजा वाले हैं। जेल मुख्यालय की और से जारी आदेश में बताया गया है कि 5 साल तक की सजा वाले आपराधिक मामलाें में जेल के बंदियाें की ओर से अर्जी अदालत में पेश करना हाेगी। इसके बाद अदालत मामले की सुनवाई कर यह तय करेगी कि 45 दिन की पैराेल देना है अथवा नहीं। इसके अलावा जिन बंदियाें की उम्र 65 साल हाे चुकी है एवं गंभीर बीमारियाें से पीड़ित हैं, उन्हें भी पैराेल का लाभ मिलेगा। जेल में बंद 50 साल तक की महिलाओं काे भी पैराेल पर छाेड़े जाने का आदेश दिया गया है।
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